मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को दंतेश्वरी मंदिर में दानपेटियां खोली गईं। इस दौरान नगदी के अलावा कई दिलचस्प पत्र भी मिले हैं। ऐसी ही एक पत्र में मांईजी के एक भक्त ने बस्तर की आराध्य देवी से बस्तर के लोगों को लाल आतंक से मुक्ति दिलाने व क्षेत्र में अमन चैन कायम करने की मन्नत मांगी है। ये पत्र खास इसलिए है क्योकिं इस पत्र ने न सिर्फ पत्र डालने वाले को ही नहीं बल्कि पूरे बस्तर के लिए अपनी मन्नत रखी है। ऐसा भी कहा जा सकता है कि, कोयले की खान में जैसे हीरा निकलता है वैसे ही ये पत्र माता की पेटी से प्राप्त हुुआ है।
ज्ञात हो कि, यह पत्र अंग्रेजी में लिखा गया है जिसमें प्रार्थी ने माओवाद की समस्या से हो रहे नुकसान का उल्लेख किया गया है। जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि, यह पत्र किसी सैलानी ने डाला होगा जो मातारानी के दर्शन के लिए आया था वहां अपने मन्नत के रूप में मातारानी को ये पत्र दे गया। और अपना सफर जीवन भर के लिए यादगार बना गया।
मंदिर की दानपेटियों में इस बार 3 दर्जन से ज्यादा पत्र मिले है। जिसमें किसी ने माता से मनपसंद जीवनसाथी मांगा है। तो किसी ने बीमारी और कर्ज से मुक्ति दिलाने का अनुरोध किया है। माता से किसी ने अपनी सूनी कोख को भरने की मिन्नत की है तो किसी ने अपनी खुशहाल जीवन के लिए कामना की है।
दानपेटियों को जब खोला गया तो इसमें 5 सौ के पुराने नोट भी निकले जो नोटबंदी के बाद अब चलन से बाहर हो चुके हैं। टेंपल कमेटी के व्यवस्थापक व तहसीलदार गौतम सिंह के मुताबिक अनुपयोगी हो चुके इन नोटों को दफ्तर के संग्रहालय में रखा जाएगा।