scriptआदिवासी क्षेत्र के सरकारी स्कूल से की पढ़ाई, लोगों के लिए बनाया निशुल्क लॉ एजुकेशन प्लेटफार्म vidhik Shiksha | Studied from a government school in tribal area, created a free law education platform for the people | Patrika News
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आदिवासी क्षेत्र के सरकारी स्कूल से की पढ़ाई, लोगों के लिए बनाया निशुल्क लॉ एजुकेशन प्लेटफार्म vidhik Shiksha

एमजे सर को उनके द्वारा किए गए विधिक जागरूकता के प्रयासों के लिए देश-विदेश के विश्वविद्यालयों और संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है। उनकी उपलब्धियों में 25 घंटे 35 मिनट तक लगातार लॉ पढ़ाने का भी रिकॉर्ड है।

बस्सीApr 22, 2024 / 10:28 pm

Gaurav Mayank

जयपुर। विधिक शिक्षा के संस्थापक एमजे की ओर से लिखे गए ब्लॉग के अनुसार संस्था की नींव 2018 में 24 मार्च को ही रखी गई थी। वहीं अब संयोग रहा था कि 24 मार्च 2024 के दिन विधिक शिक्षा के 2 मिलियन सब्सक्राइबर्स पूरे हुए। निःशुल्क विधिक जागरूकता की अलख जगा रहे मनमोहन जोशी अकेले ही निकल पड़े थे, लेकिन फिर लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया। परिवार, टीम और शुभचिंतकों की दुआओं से एमजे सर करोड़ों लोगों के बीच विधिक जागरूकता का प्रचार और प्रसार कर रहे हैं। लॉ एजुकेशन के लिए यह अच्छा प्लेटफार्म बन गया है।

एमजे सर के नाम से विधि जगत में ख्यात मनमोहन जोशी आदिवासी क्षेत्र से आते हैं। 12वीं तक की पढ़ाई बस्तर ज़िले के एक सरकारी स्कूल से पूरी की थी। पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री पूरी करने वाले एमजे सर का शुरुआती जीवन आसान नहीं रहा। परिवार के पहले लॉ ग्रेजुएट जोशी ने छत्तीसगढ़ के अलावा जोधपुर हाईकोर्ट में भी वकालत की है।
एमजे सर को उनके द्वारा किए गए विधिक जागरूकता के प्रयासों के लिए देश-विदेश के विश्वविद्यालयों और संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है। उनकी उपलब्धियों में 25 घंटे 35 मिनट तक लगातार लॉ पढ़ाने का भी रिकॉर्ड है।

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