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बड़वानी

रस्सी के टुकड़े ने पहुंचाया हत्यारों को सलाखों के पीछे

रुपए के लालच में की थी वसूली एजेंट की हत्या, मिला कुछ भी नहीं, अंजड़ में हुए अंधे कत्ल का पुलिस ने किया खुलासा, दो गिरफ्तार, बहन की शादी के लिए लिया था कर्ज, चुकाने की थी चिंता, इसलिए की हत्या

बड़वानीAug 25, 2019 / 11:29 am

मनीष अरोड़ा

Murder of recovery agent

Murder of recovery agent

बड़वानी. रस्सी के एक टुकड़े ने हत्यारों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। हत्या के बाद बेफिक्र होकर घूम रहे हत्यारों को जरा भी भान नहीं था कि वे पुलिस के हत्थे चढ़ जाएंगे। कर्ज उतारने की चिंता और रुपए के लालच में हत्यारों ने एक वसूली एजेंट की हत्या को अंजाम दिया था। शनिवार को पुलिस ने अंजड़ में हुए अंधे कत्ल का खुलासा किया। पुलिस ने दोनों आरोपितों को न्यायालय मे पेश कर जेल भेजा।
डीआईजी निमाड़ रेंज एमएस वर्मा ने शनिवार को अंधे कत्ल का खुलासा करते हुए बताया कि निजी बैंक में एनजीओ से वसूली का कार्य करने वाले धीरेंद्र पिता पर्वतसिंह चौहान (28) निवासी ग्राम मोहिपुरा 19 अगस्त की शाम को वसूली के लिए घर से निकला था। दूसरे दिन भमौरी और साखड़ के बीच नहर के पास उसका शव मिला था। जिसके बाद पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज किया था। पुलिस जांच में घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक पतली नायलोन की रस्सी का टूकड़ा मिला था। पोस्टमार्टम में भी मृतक के गले पर पतली रस्सी से गला घोटे होने के निशान पाए गए थे। इसी आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। रस्सी नई होने से पुलिस ने राजपुर व अंजड़ में दुकानों पर पूछताछ की तो पता चला कि 19 अगस्त को राजपुर की एक दुकान से दो युवकों ने ये रस्सी खरीदी थी। जिसके बाद पुलिस ने दो युवकों की तलाश शुरू की ओर हत्यारों तक पहुंच गई।
एनजीओ के लिए कर्ज ले रखा था हत्यारे ने
पुलिस पूछताछ में पता चला कि अंजड़ में ड्रायवरी करने वाले उदय पिता मांगीलाल वास्कले निवासी भमौरी ने भी एनजीओ के नाम पर बैंक से 30 हजार का कर्ज ले रखा था। इस संबंध में मृतक धीरेंद्र से उसका मिलना जुलना भी था। पुलिस ने जब उदय से पूछताछ की तो सारी हकीकत सामने आ गई। उदय ने बताया कि उसने अपने रिश्तेदार मनोज पिता सखाराम वास्कले निवासी भमौरी के साथ मिलकर हत्या को अंजाम दिया है। उन्हें पता था कि धीरेंद्र रोज शाम को वसूली करके घर जाता है और उसके पास करीब एक लाख रुपए तक होते है। उदय ने अपनी बहन की शादी करने के लिए भी कई लोगों से कर्ज ले रखा था। मनोज के उपर भी कर्जा था। दोनों ने मिलकर साजिश रची और धीरेंद्र को लूटने का प्लान बनाया।
रुपए देने के नाम पर बुलाया और कर दी हत्या
19 अगस्त की शाम उदय ने धीरेंद्र को फोन लगाकर बुलाया और रुपए देने की बात कही। जिसके बाद धीरेंद्र उससे मिलने राजपुर आया। यहां मनोज ने उसे भमौरी चलकर रुपए देने की बात कही और उसकी बाइक पर बैठ गया। उदय दूसरी बाइक से साथ चलने लगा। भमौरी और साखड़ के बीच मनोज ने बाइक रुकवाई और लघुशंका का बहाना कर उसे नहर के पास ले गया और दोनों ने मिलकर रस्सी से गला घोट दिया। इसके बाद दोनों ने धीरेंद्र की तलाशी ली तो मात्र 10 हजार रुपए ही उसके पास मिले। धीरेंद्र उस दिन अंजड़ में ही रुपए रख आया था। हत्या के खुलासे में डीआईजी के साथ एसपी डीआर तेनीवार, एएसपी सुनीता रावत, डीएसपी प्रियंका डुडवे भी उपस्थित थीं। डीआईजी ने पुलिस टीम में अंजड़ टीआई गिरीश कवरेती, एसआई अशोक अहिरवार, एएसआई गजेंद्र ठाकुर, प्रआ ओंकार साल्वे, प्रशांत सूर्यवंशी व टीम को नकद इनाम की घोषणा की।

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