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बड़वानी

रामभरोसे हुआ महिला अस्पताल, डॉक्टरों ने किया किनारा

दिन भर नहीं आया कोई डॉक्टर, न सीजर हुए और न रेफर केस एडमिट किए गए, सेंधवा से डॉक्टर बुलाकर आउटडोर चलाया, रेफर गर्भवती को भर्ती नहीं करने पर रात में फिर बनी हंगामे की स्थिति

बड़वानीSep 11, 2018 / 10:52 am

मनीष अरोड़ा

Doctors unannounced strike in women hospital

Doctors unannounced strike in women hospital

बड़वानी. महिला अस्पताल में डॉक्टरों की अघोषित हड़ताल से अस्पताल को रामभरोसे स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। हंगामे के बाद महिला अस्पताल में रात से ही डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया था। सोमवार को भी दिनभर कोई डॉक्टर नहीं पहुंचा, ऐसे में जिन गर्भवती महिलाओं के ऑपरेशन होने थे वह भी नहीं हुए। इसके अलावा रात 8 बजे तक करीब 10 रेफर मरीजों को अस्पताल स्टाफ ने लौटा दिया।रात में गंधवानी से रेफर महिला को भर्ती करने से इनकार करने पर एक बार फिर हंगामे की स्थिति बनी।हालांकि पत्रिका के दखल के बाद सिविल सर्जन मौके पर पहुंची और महिला को भर्ती कराया। रविवार रात को महिला अस्पताल में प्रसूता की मौत के बाद हुए हंगामे के बाद महिला अस्पताल के डॉक्टरों ने अस्पताल में आने से इनकार कर दिया। सुरक्षा कारणों का हवाला देकर डॉक्टरों ने काम करने से इनकार कर दिया। ऐसे में सोमवार सुबह से भी यहां किसी मरीज को देखने कोई डॉक्टर नहीं पहुंचा। अस्पताल सूत्रों की माने तो सोमवार को करीब तीन महिलाओं के सीजर होने थे, लेकिन डॉक्टरों के नहीं होने से यह ऑपरेशन नहीं हो पाए।
डॉक्टर नहीं है कहीं ओर ले जाओ
रात करीब साढ़े सात बजे गंधवानी धार से रेफर गर्भवती को यहां के स्टाफ ने भर्तीकरने से इनकार कर दिया। दरअसल, नूरा पति कैलाश निवासी गंधवानी को वहां के अस्पताल में भर्ती किया गया था। लेकिन महिला की स्थिति को देखते हुए उसे बड़वानी रेफर कर दिया गया। नूरा की सास गौरा बाई ने बताया कि शाम करीब पांच बजे रेफर किया गया। इसके बाद वह साढ़े सात बजे यहां पहुंचे। लेकिन यहां नर्सिंग स्टाफ ने नूरा को भर्तीकरने से इनकार कर दिया। पूछने पर बताया कि यहां कोई डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं है। ऐसे में परिजन नौ माह की गर्भवती नूरा को अस्पताल परिसर में ही फर्शपर लेकर बैठे रहे। पत्रिका को सूचना मिलने पर सिविल सर्जन डॉक्टर अनिता सिंगारे को फोन किया गया। वह मौके पर पहुंची और रात करीब आठ बजे नूरा को उनके कहने पर भर्ती तो कर लिया गया, लेकिन डॉक्टर नहीं होने के कारण आगे रेफर करने की स्थिति भी साफ कर दी।
सेंधवा की डॉक्टर ने संभालीओपीडी
महिला अस्पताल में डॉक्टरों केकाम करने से इनकार करने के बाद आउट डोर में आने वाली महिला मरीजों को भी परेशानी होने का अंदेशा था।हालांकि सिविल सर्जन ने पहले ही इसका इंतजाम कर दिया था और सेंधवा से स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. ज्योति पटेल को बड़वानी बुला लिया था। उन्होंने आउट डोर में मरीज देखें।
कलेक्टर ने बुलाईडॉक्टरों की बैठक
इधर डॉक्टरों के काम बंद करने के बाद कलेक्टर अमित तोमर ने सिविल सर्जन सहित अन्य डॉक्टरों की बैठक बुलाई। जिसमें डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था का सवाल उठाया। कलेक्टर ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की बात कही है। जिसके तहत मंगलवार से ही अस्पताल में सीसीटीवी कैमरों के अलावा निजी एजेंसी से सुरक्षा गार्ड लगाने की भी तैयारी है।
वर्जन
हमने डॉक्टरों से मीटिंग की है, उन्हें सुरक्षा व्यवस्था के लिए आश्वस्त किया है। कल ही से इस पर काम शुरू करेंगे। जहां तक मरीजों को भर्ती नहीं करने की बता है तो इस संबंध में सिविल सर्जन से बात की जाएगी।

डॉक्टरों के साथ जिस ढंग से मारपीट की गई थी उससे वह नाराज है।डॉक्टरों ने आने से इनकार कर दिया। रेफर मरीजों को आगे रेफर किया जाएगा।
डॉ. अनिता सिंगारे, सिविल सर्जन बड़वानी

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