शहर के कुड़ला सीवरेज प्लांट पर करोड़ों रुपए खर्च कर मशीनरी संयंत्र स्थापित की गई, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते प्लांट का पानी न तो ट्रीटमेंट हुआ और न ही नीलामी कर नगर परिषद किसानों को बेच पाई। हालांकि दो महीने पहले नगर परिषद ने पानी की नीलामी के लिए 40 लाख रुपए का टेण्डर जारी किया, लेकिन रुचि नहीं दिखाने पर यह टेण्डर कम राशि में खुला तो नगर परिषद ने फाइल पर कुण्डली मार दी। जबकि इससे पूर्व यही टेण्डर तीस लाख में हुआ, लेकिन ठेकेदार ने रुपए जमा नहीं करवाए तो नगर परिषद ने अमानत राशि जब्त कर इतिश्री कर ली।
सैकड़ों पाइप से पानी की चोरी
ट्रीटमेंट के चहुंओर खेतों में सरसों की फसलें लहलाती नजर आ रही है। ये फसलें प्लांट का पानी चोरी कर बोई गई हैं। प्लांट पर सैकड़ों पाइप डाले गए हैं। इतना ही प्लांट की चारदिवारी पर इंजन व मोटर भी स्थापित की गई, लेकिन जिम्मेदार अनजान बने हुए हैं।
सरकारी भूमि पर भी खेती
ट्रीटमेंट प्लांट के सामने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर सरकारी पानी से खेती की जा रही है। इसी भूमि पर पूर्व में जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए फसल जब्त की गई, लेकिन अंधेरगर्दी के चलते फिर से कब्जा कर फसल की बुवाई कर दी गई है।
– मेरी जानकारी में नहीं है।
प्लांट से पानी चोरी होने की जानकारी नहीं है। प्लांट के पानी की नीलामी के लिए टेण्डर जारी किया था, लेकिन कम दर होने पर हुआ नहीं। अब दोबारा टेण्डर जारी करेंगे। अगर पानी चोरी हो रहा है तो कल पता करवाते हैं।- दलीप पूनिया, आयुक्त, नगर परिषद, बाड़मेर।
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