सपा की ओर से राजेश कश्यप ही शाहजहांपुर सीट से मुख्य प्रत्याशी थे। बाद में सपा की ओर से फार्म एबी दाखिल किया गया, जिसमें ज्योत्सना को मुख्य प्रत्याशी के तौर पर बताया गया। इससे जो मुख्य प्रत्याशी था, वह डमी हो गया। नियम के मुताबिक एक निशान पर एक ही प्रत्याशी चुनाव लड़ सकता था, इसलिए सपा की वरीयता में सबसे आगे ज्योत्सना को प्रत्याशी माना गया और राजेश का नामांकन रद कर दिया गया।
शाहजहांपुर सीट से सपा प्रत्याशी राजेश कश्यप के जाति प्रमाणपत्र को लेकर पहले से चर्चा थी। चर्चा के मुताबिक राजेश कश्यप मूल रूप से बरेली जिले के निवासी हैं और फिलहाल वे दिल्ली में रह रहे हैं। दिल्ली में राजेश का जाति प्रमाण पत्र एससी वर्ग का बना है जबकि यूपी में कश्यप ओबीसी में आते हैं। इस बिंदु पर सपा को पहले से नामांकन रद होने की आशंका थी। हालांकि तब राजेश कश्यप और सपा जिलाध्यक्ष तनवीर खान ने इन्हें सिर्फ अफवाह बताया था, लेकिन चर्चा के बाद सपा ने प्लान बी पर काम शुरू कर दिया था।
बता दें, 18 फरवरी को सपा ने राजेश को शाहजहांपुर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था। बाद में उन्हें इंडी गठबंधन का भी साथ मिला। राजेश ने पूरे दमखम से चुनाव की तैयारी की थी। इसी बीच राजनीतिक गलियारे में अफवाह उड़ने लगी कि भाजपा की एक कद्दावर महिला नेता भी सपा में आ रही ही है। यदि ऐसा हुआ तो राजेश का टिकट कट सकता है। इसके बाद अफवाह उड़ाई जाने लगी कि राजेश कश्यप के जाति प्रमाणपत्र में गलती है। इस कारण उनका नामांकन रद्द हो जाएगा।
सपा प्रत्याशी ज्योत्सना गोंडा ने शाहजहांपुर सीट को लेकर कहा कि यहां मेरा ननिहाल है। पूरी पार्टी मुझे मिलकर चुनाव लड़ा रही हैं। राजेश कश्यप भी बाहर के नहीं है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व पर मुझे यहां भेजा गया है।
सपा जिलाध्यक्ष तनवीर खां ने कहा कि राजेश को हम लोग मनाएंगे। मेरी उनसे फोन पर भी बात हुई है। एक सिंबल पर दो पर्चा दाखिल हो सकते हैं, इसलिए ज्योत्सना ने भी नामांकन पत्र पार्टी सिंबल के साथ किया था और वह सिंबल के साथ चुनाव लड़ेंगी।