गरीबों को सस्ती दवाई उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन औषधि योजना शुरू की थी जिसमें जेनेरिक दवाओं की बिक्री की जाती है। ये दवाइयां दूसरे ब्रांड की दवाओं से काफी सस्ती मिलती हैं। शुरू में सब कुछ ठीक चला और लोगों ने जेनेरिक दवाएं खरीदना शुरू कर दिया, लेकिन तीन चार माह बाद इन दवाखानों पर दवा की सप्लाई कम कर दी गई। दुकानदारों की मांग से बहुत कम मात्रा में दवा की सप्लाई की जा रही है। पहले 700 तरह की दवाइयों की सप्लाई की बात कही गई थी, लेकिन 200 दवाइयां ही सप्लाई हो पाईं। दवा न मिलने से मेडिकल स्टोर संचालक परेशानी में पड़ गए हैं इसलिए अब ये दवाखाने बन्द होना शुरू हो गए हैं। जोगी नवादा में खुला जन औषधि केंद्र बन्द हो चुका है और यहां के संचालक ने अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया है। कर्मचारी नगर के जन औषधि केंद्र में किराना का सामान बिकने लगा है। जन औषधि केंद्र चलाने वालों का कहना है कि यही हालात रहे तो उन्हें भी अपना केंद्र बन्द करना पड़ेगा क्योंकि दवाइयां नहीं होने के कारण ग्राहक लौट रहे हैं।
शुगर, ब्लड प्रेशर, कैंसर, टीबी के साथ दिल के बीमारियों की दवाओं की सप्लाई न आने के कारण इन दवाइयों का प्रयोग करने वाले मरीज अब लौटने लगे हैं। जन औषधि केंद्र के संचालकों का कहना है कि वो इस मुद्दे पर अफसरों से कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई हल नही निकला। यहां तक कि इन लोगों ने केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार से मिलकर भी दिक्कत बताई लेकिन कही सुनवाई नहीं हो रही है।