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बारां

हमारी परंपरा : लय और ताल के साथ लाठी से लाठी जोड़ किया लांघी नृत्य

क्षेत्रीय भाषा में लोग यह नृत्य बिनोना जोडऩा के नाम से भी विख्यात
 

बारांApr 13, 2024 / 12:17 am

mukesh gour

हमारी परंपरा : लय और ताल के साथ लाठी से लाठी जोड़ किया लांघी नृत्य

हमारी परंपरा : लय और ताल के साथ लाठी से लाठी जोड़ किया लांघी नृत्य

कवाई. गांवों में आज भी शादी विवाहों में पुरानी परम्परा को निभाकर आज भी संस्कृति को जीवंत रखा जा रहा है। ऐसा ही एक मामला क्षेत्र के अमलावदाहाली का है जहां शादी में पुरुषों द्वारा लाठी से लाठी जोड़ नृत्य किया जाता है। सभी इस नृत्य का आनंद उठाते हैं। इसे लांघी नृत्य के नाम से जाना जाता है।
प्राप्त जानकारी अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में आदिवासी समाज की होने वाली शादियों में होने वाली बिनोरी की रस्म में ग्रामीण पोशाक कुर्ता को धोती पहने लोग हाथों में लठ लिए नृत्य करते हैं। क्षेत्रीय भाषा में इसे बिनोना जोडऩा भी कहते हैं। अमलावदाहाली में लांघी नृत्य करने के लिए ये कलाकार क्षेत्र के ही मोखमपुरा गांव से आए थे।
परम्परा का निर्वहन

गुरुवार रात्रि को जिस शादी में ये लांघी नृत्य किया गया। वह शिक्षित परिवार होने के साथ साथ सरकारी सेवा में भी कार्यरत है। रिटायर शिक्षक ब्रजमोहन मीणा के पुत्र की शादी से पहले ङ्क्षबदोरी के कार्यक्रम के समय ये लांघी नृत्य किया गया। इस नृत्य को करने वाला प्रत्येक पुरुष दोनों हाथों में लड़कियां लिए रहता है और एक दूसरे को आपस में उसको स्पर्श करवाते हैं। लगता है मानो युद्ध छिड़ गया हो। लेकिन ऐसा नहीं है यह मधुर स्वर पर धीमी गति में किया जाने वाला नृत्य है। इसमें नृत्य के दौरान पुरुषों के हाथों में लड़कियां नजर आती हैं।
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