उधर अटरू के रेंजर बलराम गोचर ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर शनिवार को वन विभाग की भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए मय टीम वहा पहुंचे था जगह का सीमा ज्ञान करवाने के लिए रेवेन्यू विभाग के पटवारी को हल्का पटवारी को वहां बुलाया तो पता चला कि उनके रिकॉर्ड में भूमि रेवन्यू की है जबकि वन विभाग के रिकॉर्ड अनुसार भूमि वन विभाग की है,,,
हां वन विभाग के अधिकारी ने शनिवार को फोन कर सीमा ज्ञान करवाने के लिए हमें बुलाया था। मौके पर पहुंचने के बाद स्थिति देख रिकॉर्ड चेक किया तो भूमि रेवन्यू की 1 नम्बर खाते की बंजड सिवाय चक के नाम से इंद्राज है उस इलाके में कहीं भी वन विभाग का खाता नहीं है भूमि पर कब्जा वन विभाग का है। अतिक्रमण करने वाले नर्सिहपुरा निवासी अमर लाल पुत्र छितर लाल जाती गुर्जर के खाते की 16 बीघा भूमि का खाता है जिसे बढ़ाकर उसने करीब 40 बीघा कर रखा है वन विभाग के अधिकारी का कहना था कि हम एक-दो दिन में इंतकाल खुलवा कर इसे अपने नाम करवा लेंगे।,,,
हल्का पटवारी जशराज मीणा
उधर अतिक्रमण रोकने पहुंचे सैकड़ों ग्रामवासियों का कहना है कि नर्सिहपुरा निवासी अमर लाल पुत्र छितर लाल जाती गुर्जर ने वन विभाग कि 50 बिघा भुमी पर 5-7 वर्षों से कब्जा कर रखा था। जिसे
बडाकर करिब 100 बिघा करना चाह रहा था जिससे गांव वाले निकलने का वेकल्पिक रास्त भी बंन्द हो रहा था। रविवार को रेवेन्यू विभाग के अधिकारी, अटरू उपखण्ड अधिकारी, बारा जिला कलेक्टर सहित वन विभाग के अधिकारियों को फोन पर सूचना की थी लेकिन कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। जिसके उपरांत सायः को मोठपूर थाना अधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई है।