परिषद के अंतिम बजट के वर्ष आने के बाद भी बीते चार वर्षों में यह योजना अमलीजामा नहीं पहन पाई। परिषद की ओर से हालांकि कुशलबाग मैदान की चारदीवारी के बाहर की ओर टाइल्स आदि लगवाई, लेकिन पार्र्किंग को लेकर लिए प्रस्ताव कागजों से बाहर नहीं निकल पाए। राष्ट्रीय कार्यक्रमों और नवरात्रि मेले के अतिरिक्त अन्य दिनों में यहां लोग मैदान में ही वाहन खड़े रखने को मजबूर हैं। वहीं कुछ हिस्से में आए दिन निजी वाहन और वाहन कंपनियों की कैनोपी लगी रहती है।
इन्हीं हालातों को देखते हुए 2015-16 की बजट बैठक में कुशलबाग में अंडरग्राउंड पार्र्किंग का प्रस्ताव लिया गया। इसमें कहा गया कि शहर के मध्य ऐसा स्थान नहीं है, जहां लोग सुबह की सैर कर सकें। ऐसे में लोग मुख्य सडक़ों पर सुबह मॉर्निंग वॉक करते हैं और कई बार हादसे हो जाते हैं। परिषद कार्यालय के समीप करीब 13 बीघा क्षेत्र में कुशलबाग मैदान हैं, लेकिन यह समतल नहीं है। बारिश में कीचड़ हो जाता है और राष्ट्रीय सहित अन्य कार्यक्रमों के लिए मिट्टी आदि डालकर समतलीकरण करना पड़ता है। इसे देखते हुए अंडरग्राउंड पार्र्किंग की कार्ययोजना तैयार की गई, जिसमें दो सौ वाहनों के खड़े रहने की क्षमता, मैदान का समतलीकरण, चारदीवारी को ढंककर मुख्य द्वार को सुंदर बनाने तथा मैदान के अंदर चारों ओर मोर्निंग वॉक के लिए इंटरलॉकिंग टाइल्स से पाथ-वे बनाना शामिल थ। इस कार्य पर करीब 460 लाख रुपए और 2015-16 में इस पर डेढ़ करोड़ रुपए खर्च करना प्रस्तावित था, लेकिन एक पाई खर्च नहीं हुई।