सोमवार को इस मसले पर हुई सदन नेताओं की सर्वदलीय बैठक में इस बात पर सहमति बनी। बैठक में भाजपा नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि विवाद को सुलझाने के लिए वे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से बातचीत करेंगे जबकि कांग्रेस नेताओं ने गोवा के अपने नेताओं को अदालत से बाहर समाधान के लिए बात करने की बात कही। बैठक में सभी दलों के सांसद, विधायक और केंद्रीय मंत्रियों के अलावा किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। हालांकि, गोवा इससे पहले अदालत से बाहर मामले को सुलझाने की संभावनाओं को खारिज कर दिया था।
पिछले साल पंचाट ने सभी संबंधित राज्यों को आपसी बातचीत से सुलझाने का सुझाव दिया था।सिद्धरामय्या ने कहा कि गोवा उपचुनाव के बाद राज्य के सभी भाजपा सांसद प्रदेश अध्यक्ष बी एस येड्डियूरप्पा के नेतृत्व में पर्रिकर से मिलेंगे और अदालत से बाहर सामधान के लिए उन्हें बातचीत में शािमल होने के लिए राजी करने का प्रयास करेंगे।
सिद्धू ने उम्मीद जताई कि भाजपा नेता पर्रिकर को राजी करने में सफल होंगे।
सिद्धरामय्या ने कहा कि भाजपा नेताओं की पर्रिकर के साथ बैठक के बाद वे फिर एक बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि इस विवाद को बातचीत के जरिए दूर करने के लिए उन्होंने गोवा सरकार को पहले ही दो बार पत्र लिखे हैं। लेकिन फिलहाल वहां पर उपचुनाव चल रहा है लिहाजा वहां के मुख्यमंत्री के साथ फिलहाल बाचचीत करना संभव नहीं है।
सिद्धरामय्या ने कहा कि बैठक में भाजपा नेता ईश्वरप्पा ने कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री को बातचीत के लिए हम तैयार करेंगे और आप वहां के कांग्रेसी नेताओं के साथ बातचीत करके उनको समझाने का प्रयास करें। सिद्धरामय्या ने कहा कि कभी भी एक राज्य की सरकार के दूसरे राज्य के प्रमुख के साथ बातचीत करने की परंपरा रही है। विपक्षी दलों के सात बातचीत करने की परिपाटी नहीं रही है। लेकिन ईश्वरप्पा की बात का सम्मान करते हुए वे गोवा के कांग्रेस के नेताओं से साथ बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री के साथ भाजपा के नेताओं से बातचीत कर लौटने के पश्चात पुन: सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी। इस विवाद को बातचीत से हल करना ही उपयुक्त रहेगा।
बैठक में विपक्ष के नेता जगदीश शेट्टर, केएस ईश्वरप्पा, जद (ध) के नेता एचडी रेवण्णा, कोनरेड्डी, केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा, रमेश जिगजिणगी, मंत्री एमबी पाटिल, टीबी जयचंद्रा, डीके शिवकुमार, एच.सी. महादेवप्पा, एचके पाटिल, विनय कुलकर्णी के अलावा उत्तर कर्नाटक क्षेत्र के सांसदों, विधायकों व वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।