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बैंगलोर

श्रीहरिकोटा में मानव मिशन की तैयारियां शुरू

लांच पैड को बनाया जा रहा मानव मिशन के योग्य
नहीं बनेगाद अलग लांच पैड, पुराने लांच पैड में ही किया जाएगा सुधार

बैंगलोरNov 15, 2018 / 09:25 pm

Ram Naresh Gautam

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श्रीहरिकोटा में मानव मिशन की तैयारियां शुरू

बेंगलूरु. देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन (गगनयान) की तैयारियों के मद्देनजर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पर गतिविधियां शुरू हो गई हैं। वर्ष 2022 में प्रस्तावित मानव मिशन के लिए लांच पैड में उचित सुधार किए जाएंगे और उसे मानव मिशन के योग्य बनाया जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के.शिवन ने कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों के चयन के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों व विभिन्न सरकारी विभागों के साथ बातचीत चल रही है।

वहीं, इसके समानांतर श्रीहरिकोटा में जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट से मानव मिशन के प्रक्षेपण के लिए लांच पैड में सुधार की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। लांच पैड को मानव मिशन के योग्य बनाने होगा।
मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम अभी शुरुआती चरण में है और इसके लिए विभिन्न मानदंडों को पूरा करना है। मानव मिशन भेजने से पहले कम से कम दो मानव रहित मिशन भेजे जाएंगे जिनमें तकनीक और तमाम प्रक्रियाएं पूरी तरह मूल मानव मिशन के मानकों सदृश होंगी।
इसरो अध्यक्ष ने कहा कि दो मानव रहित मिशनों में से पहला मिशन दिसम्बर 2020 तक भेजने का लक्ष्य है। उसके छह माह बाद दूसरा मानव रहित मिशन भेजा जा सकता है।

पहले मानव रहित मिशन में सभी मानदंडों को परखा जाएगा और अगर उसमें कहीं कोई कमी आती है तो दूसरे मिशन में उसे दुरुस्त किया जाएगा। तीसरा मानव मिशन होगा जिसके लिए वर्ष 2022 की समय सीमा रखी गई है लेकिन इसरो की तैयारियां दिसम्बर 2021 को ध्यान में रखकर हो रही हैं।
हालांकि, इससे पहले इसरो ने मानव मिशन के लिए एक अलग लांच पैड निर्मित करने की योजना तैयार की थी लेकिन समय की कमी को देखते हुए फैसला किया है कि श्रीहरिकोटा स्थित दो लांच पैड में से ही एक लांच पैड में सुधार कर उसे मानव मिशन के योग्य बनाया जाएगा।
मानव मिशन के तहत दो से तीन अंतरिक्ष यात्री धरती की 300 से 400 किमी वाली कक्षा में 5 से 7 के दिन के लिए भेजे जाएंगे। इसरो अध्यक्ष के.शिवन के मुताबिक मानव मिशन से जुड़ी तकनीक इसरो के लिए अनजान नहीं है।
काफी तकनीकों का परीक्षण किया जा चुका है और बाकी परीक्षण चल रहे हैं। यह ऐसा मिशन नहीं है जिसे इसरो शून्य से शुरू करना है।

उन्होंने बताया कि मानव मिशन का प्रक्षेपण जीएसएलवी मार्क-3 से किया जाएगा जो जीसैट-29 को कक्षा में स्थापित करने के साथ ही ऑपरेशनल हो गया।
यह रॉकेट 10 हजार किलो वजनी पे-लोड पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने की क्षमता रखता है। शिवन ने कहा कि इसरो की पांचवी पीढ़ी का 6 40 टन वजनी यह भारी रॉकेट विश्वसनीय और शानदार है। इसी रॉकेट से चंद्रयान-2 मिशन भी लांच किया जाएगा।

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