सामने आई आरटीओ की लापरवाही
मानदंडों का उल्लंघन कर फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने का संदेह
सामने आई आरटीओ की लापरवाही
मेंगलूरु में परिचालन पर लगी पाबंदी लेकिन मंड्या में मिला एफसी मंड्या. पिछले सप्ताह जिले में एक निजी बस के नहर में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त होने से 30 लोगों की हुई मौत के बाद इस बात का संदेह बढ़ गया है कि बस को फिटनेस प्रमाण पत्र देने में आरटीओ ने लापरवाही बरती और मानदंडों के खिलाफ परिचालन की अनुमति दी गई थी। मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ‘राजकुमार’ नामक जो बस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी वह 15 वर्ष पुरानी थी और इस दौरान भिन्न जिलों में कई लोगों को बेची गई। 15 वर्ष से ज्यादा पुरानी बस को नए सिरे से नवीनीकृत करना होता है। ऐसी बसों में मुसाफिर सफर नहीं कर सकते। बावजूद इसके आरटीओ ने इस बस को फिटनेस प्रमाण पत्र (एफसी) प्रदान किया जिससे इस बात का संदेह गहराता है कि एफसी जारी करने में लापरवाही बरती गई।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 56 के अनुसार, फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना वाहनों को सड़कों पर नहीं चलाया जा सकता है। फिटनेस सर्टिफिकेट यह निर्धारित करता है कि इंजन, ब्रेक, रोशनी जैसे वाहनों के आवश्यक हिस्से काम करने की स्थिति हैं या नहीं। निजी बसों के मालिकों को 15 वर्ष में एक बार एफसी नवीनीकृत कराना होता है और उन्हें वाहन के पूरी तरह निरीक्षण के बाद ही जारी किया जा सकता है। एमवी अधिनियम के तहत एफसी जारी होने के लिए किसी भी वाहन को 60 मानदंडों पर खरा उतरना होता है। पुलिस को संदेह है कि जिला आरटीओ द्वारा बिना पूर्ण निरीक्षण के लिए वाहन को एफसी जारी किया। पुलिस ने कहा कि जो बस नहर में गिरी उसे मेंगलूरु में परिचालन के लिए अमान्य बताया जा चुका था लेकिन मंड्या के एक बस संचालक बेहद कम कीमत पर बस खरीदी और उसे जिले में चलाया जा रहा था। सवाल उठता है कि एक जिले में जब बस को अनफिट बताया जा चुका था तब दूसरे जिले में उसे परिचालन की अनुमति कैसे मिली?
मंड्या में बिना पंजीयन के 100 से ज्यादा बसें
मंड्या जिले में कुल 450 पंजीकृत बसें हैं लेकिन ऐसा अनुमान है कि 100 से ज्यादा बिना पंजीयन के ही हैं। अधिकारियों का कहना है कि वे इन बिना पंजीयन वाली बसों को तलाश रहे हैं कि कैसे बिना एफसी के ग्रामीण क्षेत्रों में इनका परिचालन हो रहा है और अब तक इनकी धरपकड़ क्यों नहीं हुई।
कंडक्टर हिरासत मेंदुर्घटनाग्रस्त बस के कंडक्टर को पुलिस ने सोमवार शाम हिरासत में ले लिया। तंडवा नामक कंडक्टर उस समय बस में मौजूद था जब बस नहर में गिरी थी। हालांकि बस के ड्राइवर का अब तक कोई पता नहीं चला है। पुलिस को संदेह है कि दुर्घटना के दौरान ड्राइवर और कंडक्टर बस से छलांग लगाकर बाहर निकल आए थे लेकिन चालक की तलाश होनी है।
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