जिला प्रशासन ने शुक्रवार दोपहर 1.18 बजे मंदिर के कपाट बंद करवाए। हालांकि, उस वक्त भी काफी संख्या में भक्त दर्शन के लिए कतार में थे लेकिन उन्हें कपाट बंद हो जाने के कारण निराश होकर लौटना पड़ा।
जिलाधिकारी रोहिणी सिंधूरी, पुलिस अधीक्षक डॉ प्रकाश गौड़ा व मंदिर प्रबंधन बोर्ड की अधिकारियों की मौजूदगी में धार्मिक अनुष्ठानों के बाद कपाट बंद किए गए। — मोह के बंधन में ना फंसें
बेंगलूरु. शांतिनगर जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ में निजानंदी आचार्य महेन्द्रसागर ने प्रवचन में भाई दूज के प्रेम पर्व पर कहा कि मोही मनुष्य को चलती-फिरती परिस्थिति का असर होता है।
बेंगलूरु. शांतिनगर जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ में निजानंदी आचार्य महेन्द्रसागर ने प्रवचन में भाई दूज के प्रेम पर्व पर कहा कि मोही मनुष्य को चलती-फिरती परिस्थिति का असर होता है।
परिस्थिति में आते प्रसंगोंं के अनुसार उसके स्वभाव में भी बदलाव, हर्ष, शोक रहता है। निर्मोही की बात छोड़ दें तो कितने मनुष्य मनोबली और मजबूत होते हैं। जो ऐसे होते हैं वे परिस्थिति के वश नहीं होते हैं।
उसकी परिस्थिति में फेरबदल हुआ हो, सुख हो तो दुख आया हो और दुख हो तो सुख आया हो। हर्ष हो तो दुख आया हो और दुख हो तो हर्ष आया हो। ऐसा करीब-करीब सबके जीवन में होता आया है और होता रहेगा।
नंदीवर्धन राजा के जीवन में भी प्रभु महावीर के निर्वाण से दुख, पीड़ा और शोक का असर हुआ था। आज ही के दिन उनके शोक का निवारण उनकी बहन सुदर्शना ने किया था। तभी से भाई दूज के पवित्र पर्व को मनाया जाता है।