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बैंगलोर

आत्मा के स्वरूप का चिंतन नित्य करें

सिद्धाचल स्थूलभद्र धाम में आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर के प्रवचन

बैंगलोरDec 23, 2018 / 12:39 am

Rajendra Vyas

pravachan

आत्मा के स्वरूप का चिंतन नित्य करें

बेंगलूरु. सिद्धाचल स्थूलभद्र धाम में आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर ने कहा कि अध्यात्म जगत में रहे श्रावक को आत्मा के स्वरुप का चिंतन नित्य करना चाहिए। आत्मा का आनंद अनुभव करना हो, चिदानंद की मौज चाहिए तो ेआत्म स्वरूप का चिंतन करना होगा। मै अकेला हूं, मेरा कोई नहीं है और मैं किसी का नहीं हूं यह विचार करना चाहिए। आत्मा को समझाना चाहिए। मोह का बंधन तोडऩा अत्यंत ही कठिन है। आसक्ति का बंधन अत्यंत ही जटिल है।

जवगोडनहल्ली पहुंचे मुनि सुव्रतकुमार
हिरियूर. मुनि सुव्रतकुमार और दर्शनकुमार शुक्रवार को विहार करते हुए जवगोडनहल्ली पहुंचे। तेरापंथ युवक परिषद के विकास बोकडिय़ा, जयराज चौपड़ा, तेजराज चौपड़ा, महावीर चौपड़ा, दिनेश बाफना, संदीप बाफना ने विहार सेवा का लाभ लिया। मुनि शनिवार को नित्यानंद आश्रम पहुंचेंगे।
रामायण का मंचन
मंड्या. सिद्धेश्वर कला संघ की ओर से वीवी रोड स्थित कलामंदिर में हनुमान जयंती पर गुरुवार रात को रामायण का मंचन किया गया। राज्य सरकारी नौकर संगठन के कार्यदर्शी अपाजी गौड़ा ने ढोल बजाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कलाकारों ने राजा दशरथ को पुत्र प्राप्ति, केकई के वर मांगना, राम वनवास, राम-हनुमान मिलाप, सीता हरण, वानर सेना की लंका पर चढ़ाई आदि प्रसंगों का मंचन किया। शंकरे गौड़ा, लिंगन्ना, महेंद्र, महादेव, बसुराज सहित कई दर्शकों ने नाटक मंचन का आनंद लिया।

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