सभी जिलाधिकारियों को फरमान जारी
आपको बतादें कि अन्ना जानवर किसानों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं। किसानों की खून पसीने की कमाई अन्ना जानवर तबाह कर रहे हैं। किसान इस समस्या को लेकर लगातार प्रशासन से गुहार चुके हैं, बीते तीन दिन पहले भी किसानों ने बांदा कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर अन्ना जानवरों पर रोक लगाते हुए गौशाला बनवाने की गुहार लगाईं थी। इसके बाद सरकार ने अन्ना जानवरों पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए किसानों की समस्याओं को देखते हुए अन्ना पशुओं को गौशाला में पहुंचने के निर्देश जारी कर दिए हैं। यूपी के मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि सभी जिलाधिकारियों को फरमान जारी किया था कि सभी अन्ना जानवरों को पशुवाडों या गौशालाएं पहुचाई जाएं और उनके खाने-पीने की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से शुरू की जाए।
फसलों को बर्बाद कर रहे अन्ना जानवर
आप देख सकते है कि किस तरह अन्ना जानवर खुलेआम खेतो में टहल कर फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। सड़कों में अपना कब्ज़ा जमाए हुए हैं। वहीं जब किसानों से बात किया गया तो किसानों ने कहा कि यहां न तो कोई अधिकारी आया और न ही किसी भी प्रकार के जन प्रतिनिधि आए अन्ना जानवरों जैसे पहले थे वैसे ही है। किसानों ने बताया कि दिन के उजाले में एक जगह बैठती हैं और जैसे ही रात होती है तो यह खेतों की तरफ निकल जाते हैं और पूरी फसलों को चौपट कर देते हैं।
सभी ग्रामीण चंदा करके करते हैं अन्ना पशुओं का भरण पोषण
किसानों ने साथ ही यह भी बताया कि इन जानवरों के कारण हजारों एकड़ खेती बंजर पड़ी हुई है, हम सभी ग्रामीण चंदा करके अन्ना पशुओं का भरण पोषण करते हैं। शासन-प्रशासन से किसी तरह की कोई मदद नहीं मिलती है, पर अब हमने जानवरों को भी छोड़ दिया है हम खुद तो खा नहीं सकते उन्हें क्या खिलाए। इस मामले में जब पुलिस अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा की अन्ना जानवरों के लिए जो भी हमें निर्देश मिले हैं हम उन निर्देशों को पूरा कर रहे हैं। अन्ना जानवरों को गौशाला तक भेज रहे हैं।