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बांदा

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर बिजली विभाग का धरना प्रदर्शन, पेंशन नहीं तो वोट नहीं

जिले में विद्युत विभाग के संविदा कर्मचारियों के संगठन विद्युत कर्मचारी सयुक्त संघर्ष समिति के सैकड़ों कर्मचारियों ने दो दिन की सांकेतिक हड़ताल कर जोरदार धरना प्रदर्शन किया।

बांदाJan 10, 2019 / 11:16 am

Neeraj Patel

Bijli Vibhag ka dharna pradarshan in up

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर बिजली विभाग का धरना प्रदर्शन, पेंशन नहीं तो वोट नहीं

बांदा. जिले में विद्युत विभाग के संविदा कर्मचारियों के संगठन विद्युत कर्मचारी सयुक्त संघर्ष समिति के सैकड़ों कर्मचारियों ने दो दिन की सांकेतिक हड़ताल कर जोरदार धरना प्रदर्शन किया और पावर कारपोरेशन पर ताला लगाकर कार्य बहिस्कार किया। विद्युत कर्मचारियों ने कहा कि जो सरकार सरकार ऊर्जा क्षेत्र में निजीकरण को बंद करेगी एवं पुरानी पेंशन नीति को बहाल करेगी उसी को वोट देंगे।

बिजली विभाग का धरना प्रदर्शन

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज पीली कोठी पावर हाउस प्रांगण में बांदा जनपद के समस्त विद्युत अभियंता व कर्मियों ने दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जोरदार धरना-प्रदर्शन कर कार्य बहिस्कार कर आंदोलन प्रारम्भ किया जिसमे बैंक यूनियन के पदाधिकारी भी सम्मिलित हुए हैं। सभा को सम्बोधित करते हुए विद्युत कारपोरेशन के महामंत्री अनिल यादव ने कहा कि सूबे एवं केन्द्र सरकार के कर्मचारियों और अभियंताओं के आंदोलन को संज्ञान में लेते हुए इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेन्ड बिल 2018 वापस ले अन्यथा की स्थिति में समस्त बिजली कर्मी आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।

पेंशन नहीं तो वोट नहीं के सिद्धांत पर अमल करेगा बिजली विभाग

बिजली कर्मियों ने कहा कि सरकार निजी घरानों से महंगे दामों पर बिजली खरीदना बंदकर सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों से बिजली खरीदे एवं उनका समय-समय पर रख-रखाव व मरम्मत किया जाना सुनिश्चित करें। साथ ही साथ ऊर्जा क्षेत्र व पावर कारपोरेशन में ठेकेदारी व्यवस्था एवं निजीकरण पर प्रभाव से रोक लगाए। कहा कि सरकार अविलम्ब उ०प्र राज्य विद्युत परिषद् का पुनर्गठन कर आगरा एवं नोएडा की फ्रेंचाइजी को निरस्त करें।

इसके साथ ही कहा कि सूबे एवं केंद्र की सरकार देश-प्रदेश के समस्त कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बहाल करें अन्यथा समस्त नेताओं की परिवारिक पेंशन को बंद करें। यदि ऐसा नहीं होता तो देश और प्रदेश के तमाम अधिकारी व कर्मचारी पेंशन नहीं तो वोट नहीं के सिद्धांत पर अमल करेंगे। धरना-प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने शपथ ली कि जो सरकार ऊर्जा क्षेत्र में निजीकरण को बंद करेगी एवं पुरानी पेंशन नीति को बहाल करेगी उसी को वोट देंगे।

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