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खैरकटा गांव में आदिकालीन प्रताडऩा की परंपरा आज भी बरकरार, चार साल से छह महिलाओं का परिवार झेल रहा है बहिष्कार का दंश

locationबालोदPublished: Oct 01, 2018 12:00:46 am

डौंडीलोहारा ब्लॉक के ग्राम खैरकटा में किसी को सजा देने के लिए आज भी आदिकालीन प्रताडऩा की परंपरा को गांव के कुछ वरिष्ठ व दबंग लोग बरकरार रखे हुए हैं।

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खैरकटा गांव में आदिकालीन प्रताडऩा की परंपरा आज भी बरकरार, चार साल से छह महिलाओं का परिवार झेल रहा है बहिष्कार का दंश

बालोद. डौंडीलोहारा ब्लॉक के ग्राम खैरकटा में किसी को सजा देने के लिए आज भी आदिकालीन प्रताडऩा की परंपरा को गांव के कुछ वरिष्ठ व दबंग लोग बरकरार रखे हुए हैं। ऐसे लोगों को न संविधान के नियम-कायदे से मतलब है और न ही कानून से। वे शासन की प्रक्रियाओं को भी धता बताते हुए शासन-प्रशासन में बात रखने की बजाय जो लोग माध्यम हैं उन्हीं को प्रताडि़त कर रहे हैं। दुख की बात ये है कि यह मामला पिछले चार साल से चल रहा है। हाल ही में मामला जिला मुख्यालय पहुंचा है।
गांव के देवी-देवता की पूजा से भी मनाही
मामले के अनुसार ग्राम खैरकटा में वैभव महालक्ष्मी नामक स्व-सहायता समूह की महिलाओं को उनके परिवार सहित गांव से चार साल पहले बहिष्कार कर दिया गया था, जो आज भी बरकरार है। आज भी गांव के लोग बहिष्कृत परिवार से बात नहीं करता, उनसे किसी तरह का संबंध नहीं रखते हुए गांव के देवी-देवता की भी पूजा से भी मनाही है। मामले की शिकायत समूह से जुड़े ग्राम के 6 परिवार की महिलाएं जिला मुख्यालय पहुंचकर कलक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय अधिकारी डौंडीलोहारा, मंगचुवा थाना प्रभारी से की गई है।
ये है पूरा मामला
दबंगों की प्रताडऩा से परेशान महिलाओं ने बहिष्कार करने वाले गांव के कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर पुलिस के साथ अधिकारियों को शिकायत पत्र सौंपा है। पत्र में दी गई समूह की महिलाओं से मिली जानकारी अनुसार मलिाएं स्व-सहायता समूह के नाम से राशन दुकान का संचालन कर रहे थे, परंतु शासन के आदेश एवं निर्देशानुसार वर्ष 2014-15 में गांव के कुछ रहवासियों का नाम राशन कार्ड प्राप्त करने वाले हितग्राहियों की सूची से काट दिया गया था। उसके बाद गांव के वरिष्ठ व मुखिया एकजुट होकर शासकीय प्रक्रिया के विरोध में समूह को नाम काटने का दोषी करार देते हुए विवाद किया जाने लगा। इनके द्वारा गांव में गलत संदेश देते हुए कानून के खिलाफ काम करते हुए दुकान संचालित करने वाली स्व-सहायता समूह से जुड़ी सभी महिलाओं को परिवार सहित गांव से बहिष्कृत कर दिया गया। ऐसा कर गांव से नाई, गहरा, लोहार सहित ग्राम के देवी-देवताओं की पूजा से भी वंचित कर दिया गया है।
अधिकारियों को गलत बयान देकर आज भी हमें कर रहे हैं प्रताड़ित
मामले में महिलाओं ने पहले भी कलक्टर, एसपी व थाना प्रभारी मंगचुवा में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन जब प्रशासनिक अधिकारी बहिष्कार संबंधी मामले की जानकारी लेनेे आए, तो गांव के मुखिया द्वारा उन्हें झूठी जानकारी दी गई। कहा गया कि हम सब ग्रामवासी एक हैं, एक ही नल एवं तालाब से पानी पी रहे हैं, बराबर आना-जाना लगा है। ऐसी कोई बात नहीं है। इस बार शिकायत पत्र में महिलाओं ने जानकारी दी है कि वास्तविकता में अधिकारियों के सामने ये बयान गलत दिया गया है। आज भी हम गांव में दबंगों की प्रताडऩा से परेशान हैं।
पंचायत नहीं देती किसी योजना की जानकारी
महिलाओं ने पत्र में बताया है कि चार वर्षों से हमें परिवार सहित बहिष्कार किए जाने से हम अत्यंत शारीरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से परेशान हैं। जानकारी दी है कि इसके अलावा ग्राम पंचायत की सरपंच उषा बाई चुरेन्द्र, पति लोकेश्वर सिंह चुरेन्द्र द्वारा हमें शासन द्वारा प्रदत्त योजनाओं की जानकारी नहीं दी जाती। योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया गया है। पंचायत संबंधी कार्य को उनके द्वारा नहीं कराया जाता है जिससे हमारी व बच्चों का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है।
पूजा में शामिल हो गए, तो ले लिया 4001 रुपए का दंड
पत्र में महिलाओं ने जानकारी दी है कि कुछ माह पूर्व हमारी स्व-सहायता समूह की सदस्य सुखमती ढाले के घर में सामाजिक देवी-देवताओं संबंधी काम हुआ था। इसमें शामिल होने पर गांव वालों को गांव में मिलाने के नाम पर 4001 रुपए का अर्थदण्ड से दंडित किया गया था। यदि गांव वाले हम लोगों का बहिष्कार नहीं किए हैं, तो सुखमती को गांव में मिलाने के नाम पर आर्थिक दंड किस लिए और क्यों लिया गया है? इस बात का स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने सवाल उठाया है? ऐसे गांव में कहां सब ठीक है?
अब करेंगे परिवार सहित आंदोलन
महिलाओं ने पत्र में पुलिस को बताया है कि ग्राम के मुखिया शासन-प्रशासन को झूठी जानकारी दे रहे हैं कि पूरा गांव एक है। यहां किसी व्यक्ति का बहिष्कार नहीं किया गया है। महिलाओं ने कहा बहिष्कार पर शासन, प्रशासन द्वारा कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो हम परिवार साथ आंदोलन करेंगे और आगामी चुनाव का बहिष्कार करेंगे। शिकायत लेकर पहुंचीं ग्रामीण जोतकुंवर बाई, रमला बाई, गौरी बाई साहू, भगवंतीन बाई, मनभा बाई, शांतिबाई, जानकी ठाकुर, कामीन बाई सहित परिवार के सदस्य शामिल थे। मामले में एएसपी ने जानकारी दी है कि मंगचुवा थाने का मामला है। इसकी शिकायत एसपी आइके एलिसेला से की गई है। मंगचुवा थाना प्रभारी से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, पर वे रिसिव नहीं किए।
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