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बालोद

ये विडंबना ही है कि तीन दशक से केवल पुल बनाने का लाखों ग्रामीणों को इंतजार

जिले के पुल-पुलियों की दशा आखिर कब सुधरेगी ये सवाल आमजन सालों से कर रहे हैं। नालों पर दशकों पुरानी पुलिया अब जानलेवा साबित होने रही है। बारिश में तो मार्ग ही बंद हो जाता है।

बालोदSep 24, 2018 / 12:42 am

Chandra Kishor Deshmukh

balod patrika

ये विडंबना ही है कि तीन दशक से केवल पुल बनाने का लाखों ग्रामीणों को इंतजार

बालोद. जिले के पुल-पुलियों की दशा आखिर कब सुधरेगी ये सवाल आमजन सालों से कर रहे हैं। नालों पर दशकों पुरानी पुलिया अब जानलेवा साबित होने रही है। बारिश में तो मार्ग ही बंद हो जाता है। नया जिला बनने के बाद भी पुलियों की स्थिति नहीं सुधर पा रही है। इससे लाखों ग्रामीण हर साल परेशानी झेलते हैं, पर भी कोई समाधान होते नहीं दिखता।
दर्जनों पंचायतों, सैकड़ों ग्रामीणों के साथ जनप्रतिनिधियों ने भी संबंधित विभाग, कलक्टर, मुख्यमंत्री जनदर्शन, जनसमस्या निवारण शिविरों में लगातार आवेदन देने के बावजूद किसी भी प्रकार की कोई पहल शासन द्वारा नहीं की जा रही है। पीडब्ल्यूडी विभाग इन जर्जर व खतरनाक हो चुकी पुलियों पर केवल मरम्मत के नाम पर करोड़ों की राशि बर्बाद की जा चुकी है, वहीं अब भी मरम्मत की ही योजना बना रहे हैं, जबकि यहां अब बड़े पुलों की आवश्यकता है। यहां यह विडंबना है कि प्रधानमंत्री सड़क योजना में भी पुलियों की मरम्मत ही की जा रही है।

प्रशासन ने नहीं उठाया अब तक कोई कदम
ज्ञात रहे कि जिले में दो प्रमुख नाले हैं जहां पर पुल बनाना बहुत ही जरूरी हो गया है। इन नालों में पुलिया की जगह बड़े पुल बनाने की मांग विगत 25 से 30 साल से की जा रही है, पर इतने सालों में भी शासन की आंख ग्रामीणों की तकलीफ की ओर नहीं खुल पाई है। न ही जनप्रतिनिधि और ही जिला प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम उठा पा रहा है।

मरम्मत पर ही खर्च किए जा चुके हैं करोड़ों की राशि का मतलब नहीं
जानकारी अनुसार अब तक इन पुलियों पर बार-बार मरम्मत से करोड़ों की राशि पानी में बह गई, पर परिणाम कुछ नहीं निकला। पीडब्ल्यूडी खुद परेशान हो चुका है और अब प्रधानमंत्री सड़क योजना से इन कमजोर व बेकार हो चुके टूटी पुलियों की मरम्मत कर रहे हैं। ऐसे में फिर लाखों रुपए पानी में बह जाएगा। बता दें कि बोरी स्थित सेमरिया नाला में बनी पुलिया लगभग 25 साल पुरानी है जो पुलिया कमजोर होने के साथ काफी नीचे हो गई है। हर साल बाढ़ से पुलिया का स्प्रोच बह जाता है, बहे स्प्रोच का ही केवल मरम्मत करते हैं। जितनी बार मरम्मत में खर्च किए होंगे उतने में तो यहां नया पुल बन जाता। मामले में विभाग का मानना है यहां पुल बनाना जरुरी हो गया है, क्योंकि बाढ़ में आधी सड़क ही बह जाती है।

तीन साल पहले किया सर्वे पर आज तक पहल नहीं
गुरुर विकासखंड के ग्राम घोघोपुरी नाले में पुल बनाने के लिए तो ग्रामीणों ने कई बार मुख्यमंत्री के साथ ही प्रदेश के लगभग आधे मंत्रियों को आवेदन दे दिए हैं उसके बाद मंत्री आते हैं और सभा को संबोधित करते ग्रामीणों को आश्वासन देकर हाथ हिलाकर चलते बनते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक तीन साल पहले पीडब्ल्यूडी ने घोघोपुरी नाला में बड़ा पुल बनाने के लिए सर्वे किए थे, पर सर्वे का क्या हुआ यह अब तक पता नहीं चल पाया। आखिर प्रदेश के मंत्री जिले में आते हैं पर अपनी ताकत व अधिकार का उपयोग नहीं कर पाते। ग्रामीण मंत्री के पास खुद चलकर आवेदन देकर आते हैं पर बड़े नेता ग्रामीणों को केवल ***** की बनाते रहे हैं।

लाखों ग्रामीणों का मुख्य मार्ग पर सरकार की उपेक्षा बरकरार
जनपद सदस्य लता देवी साहू व ग्राम पंचायत खपरी सरपंच ज्ञानचंद सोरी ने बताया ग्राम बोरी सेमरिया नाला में बनी जर्जर व छोटी पुलिया परेशानी का सबब बनी हुई है। दर्जनों गांवों के लाखों लोगों का जिला मुख्यालय आने-जाने का यही एक मात्र मार्ग है। सैकड़ों बेटियां पढ़ाई करने व अन्य कार्य से बालोद, लाटाबोड़, बेलौदी आने का मार्ग तीन दशक से केवल परेशानी का सबब ही बना हुआ है। सरकार की उपेक्षा के कारण ही छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर भी हर साल विपरीत असर पड़ता है। हर साल बाढ़ में पुलिया टूट व बह जाती है।

पुल बनाने पिछले साल सड़क पर उतर गए थे ग्रामीण
बीते साल ग्रामीणों ने नाले पर पुल बनाने के लिए हड़ताल किए थे, सड़क पर जाम लगा दिए थे पर पीडब्ल्यूडी विभाग के आश्वासन के बाद वे शांत हो गए थे। कहा था हर हाल में 2017 में पुल बनाने का प्रयास किया जाएगा, पर प्रशासन अब तक प्रयास ही कर रहा है। वहीं इधर अब इस मार्ग को पीडब्ल्यूडी ने प्रधानमंत्री सड़क योजना विभाग को हैंडओवर कर दिया है। यह मामला फिर अधर में लटक गया है।

स्वीकृति मिलने के बाद किया जाएगा पुल निर्माण
प्रधानमंत्री सड़क योजना के ईई सुनील नामदेव ने बताया इस नाले से होने वाली परेशानी से अवगत हूं। परेशानी को देखते हुए इस नाले पर बड़ा पुल बनाने प्रस्ताव भेजा है, जैसे ही स्वीकृति मिलेगी पुल का निर्माण किया जाएगा।

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