इन सीटों पर प्रत्याशी फाइनल होने के बाद आजमगढ़ सीट ही ऐसी बची है जिसे सपा के गढ़ के रूप में माना जाता है। यहां मुस्लिम और यादव निर्णायक भूमिका में होते हैं और सपा के साथ यह वोट बैंक ख़ड़ा दिख रहा है।बसपा व रालोद के साथ गठबंधन होने से अखिलेश यादव के लिए आजमगढ़ सीट भी सेफ मानी जा रही है। आजमगढ़ से जहां पार्टी में बलराम यादव, दुर्गाप्रसाद यादव और हवलदार यादव जैसे दिग्गज टिकट की दावेदारी कर रहे हैं और पार्टी दुर्गा या बलराम में से किसी को टिकट देकर गुटबंदी को बढ़ावा नहीं देना चाहती है। ऐसे में माना जा रहा है कि अखिलेश चुनाव लड़ते हैं तो गुटबाजी की आशंका कम हो जाएगी।