रविवार 10 दिसंबर को औरैया के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर एक तेज रफ्तार कार ने 10 लोगों को रौंद दिया। एक ही परिवार के दो मासूमों समेत 3 की दर्दनाक मौत हो गई। घर में चल रही शादी की खुशियां पल भर में मातम में बदल गईं। बस का इंतजार कर रहे मासूमों को कहा पता था कि मौत उनकी तरफ इतनी रफ्तार के साथ बढ़ रही है। मौत का ये भयानक मंजर देख हर किसी का कलेजा कांप गया। इस हादसे में नगला पहाड़ी निवासी रमन, उसकी बेटी गुनगुन और भतीजी आराध्या की जान चली गई।
खून से लथपथ सड़क पर लेटी रही अल्का
गांव नगला पहाड़ी में रमन गांव में किसानी का काम करते थे। रमन के बड़े भाई पुष्पेंद्र फतेहाबाद में रहते हैं। वहीं, चाचा आर्मी से सेवानिवृत राजेंद्र सिंह बिधूना में रहते हैं। राजेंद्र के इकलौते बेटे सोनू की मौत तीन साल पहले हो गई थी। सोनू की मौत के बाद उसके पीछे उसकी पत्नी अल्का बेटी आराध्या और बेटा सूरज रह गए थे। हादसे में मासूम आराध्या की मौत ने सभी को हिला के रख दिया।
पिता और छोटी बहन को खून से लथपथ देख वह उसके पैर लड़खड़ा पड़े। लोग ने उसे पकड़कर ढांढस बधाया। वहीं पास में खून से लथपथ अल्का सड़क पर लेटी थी। उसे पता चल गया था कि उसने अपनी बेटी आराध्या को खो दिया है। बेटे सूरज की हालत भी खराब थी।
शादी की खुशी में सभी हंसते हुए निकले लेकिन दूसरे ही पल मौत बनकर आई कार ने उनकी खुशियों को मातम में बदल दिया। उधर अल्का के जीने का एकमात्र सहारा सूरज जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। उसकी हालत में भी कोई सुधार नहीं है। तीन मौतों के अलावा बाकी के घायल सात लोगों के परिजनों को जैसे ही सूचना मिली सब दौड़ते भागते घटनास्थल पर पहुंचे। भीड़ में सभी की नजरें अपनों के चेहरे तलाशती रहीं।
अल्का के पति की मौत के बाद उसके जीने का सहारा केवल उसके बच्चे ही थे। 8 साल की आराध्या और 6 साल के सूरज को अपना जीवन मानकर ही अल्का जी रही थी। इस हादसे ने बेटी आराध्या को भी छीन लिया और बेटा सूरज अभी भी मौत से अस्पताल में जंग लड़ रहा है। इस हादसे में बस का इंतजार कर रहे रमन सिंह (40), आराध्या (8), सूरज (6), कल्पना (38), बेटी गुनगुन (10), पारिवारिक भाभी अलका सिंह (28) पत्नी स्व. सोनू सिंह को रौंद दिया। वहीं कुछ दूरी पर खड़े रमपुरा गांव निवासी प्रियल (12) पुत्र महेंद्र सिंह, आरती पत्नी अजीत, राजेश उर्फ डबलू, रवि पुत्र राजेश को भी कार ने अपनी चपेट में ले लिया।