कृष्णा पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थार क्षेत्र से हैं। उनका नामांकन मंजूर होने की जानकारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। पीपीपी के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा है कि- कोहली पाकिस्तान में सीनेटर बनने वाली पहली दलित महिला होंगी।’ कोहली की जाति पाकिस्तानी अनुसूचित जातियां अध्यादेश- 1957 में शामिल है। प्रवक्ता ने कहा कि कृष्णा को आगे लाने का श्रेय पीपीपी को ही जाता है। इससे पहले डॉ. खाटूमल जीवन और इंजीनियर ज्ञानीचंद भी हिंदू सीनेटर रह चुके हैं।
भाई के साथ आईं राजनीति में कृष्णा के भाई भी राजनीति में हैं। उन्हीं की प्रेरणा से ही कृष्णा ने सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पीपीपी जॉइन की थी। इसके बाद उन्हें बेरेनो से यूनियन काउंसिल का अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने थार क्षेत्र में पिछड़े लोगों के अधिकारों के लिए कई
काम किए हैं।
किसान परिवार से संबंधित कृष्णा गरीब किसान परिवार से हैं। जानकारी के अनुसार- 1979 में पैदा हुईं कृष्णा के परिवार को एक जमींदार के शोषण का शिकार भी होना पड़ा। लगभग तीन साल तक परिवार जमींदार की कैद में रहा। 16 साल की उम्र में कृष्णा की शादी लालचंद से हुई। तब वे नौवीं कक्षा में पढ़ती थीं। शादी के बाद भी उन्होंने पढ़ाई जारी रखी। 2013 में सिंध युनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में पोस्टग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की।
बता दें, पीपीपी महिला नेताओं को आगे बढ़ाती रही है। पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो भी पीपीपी से थीं। पहली महिला विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और नेशनल असेंबली की पहली महिला अध्यक्ष फहमीदा मिर्जा भी पीपीपी से ही थीं।