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शादी की कई रस्में भी हुई
मामला ईसागढ़ तहसील के खिरियादेवत गांव का है। भगवानलाल कुशवाह की पुत्री सोनम उर्फ प्रीति की शादी थी। मंगलवार शाम को शिवपुरी जिले के इंदार गांव से बारात आई और शादी की कई रस्में भी हुईं। दूल्हा घोड़े पर बैठकर बैंड-बाजे और बारातियों के साथ दुल्हन के घर पहुंचा। जहां द्वाराचार का कार्यक्रम हुआ।
बुझे मन से वरमाला पहना दी
वधु पक्ष की ओर से नगदी के अलावा तमाम सामान दहेज में दिया गया। वहीं दूल्हा पक्ष ने भी दुल्हन को सोने-चांदी के आभूषण दिए। इसके बाद स्टेज पर वरमाला का कार्यक्रम भी हुआ। जहां दुल्हन को दूल्हा पसंद नहीं आया तो उसने बुझे मन से वरमाला तो पहना दी, लेकिन वरमाला के बाद वापस लौटी दुल्हन ने शादी करने से साफ इंकार कर दिया। इससे शादी की खुशियां गायब हो गईं और हर कोई अपने स्तर से दुल्हन को मनाने में जुट गया, लेकिन दुल्हन ने अपना निर्णय नहीं बदला।
वर पक्ष ने लौटाया दहेज
जब दुल्हन किसी के भी समझाने पर शादी के लिए तैयार नहीं हुई तो विवाह कार्यक्रम में पहुंचे रिश्तेदारों ने वर-वधु पक्ष को बैठाकर मामला सुलझाया। जहां पर दूल्हा पक्ष ने दुल्हन पक्ष द्वारा दिए गए नगदी और दहेज का सामान वापस लौटा दिया तो वहीं दुल्हन पक्ष ने भी दूल्हा पक्ष को उनके दिए गए सोने-चांदी के जेवर व अन्य सामान लौटा दिया। साथ ही बारात बिना दुल्हन के ही वापस लौट गई।
दुल्हन को फोटो तक नहीं दिखाया-
आठवी कक्षा तक पढ़ी प्रीति की सगाई छह माह पहले इंदार गांव निवासी प्रतापभान से हुई थी। लेकिन प्रीति और प्रतापभान ने एक-दूसरे को नहीं देखा था। लोगों का कहना है कि प्रीति ने सगाई तय होने के बाद अपने जीवनसाथी का फोटो देखने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन परिजनों ने इस मामले को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया और उसे फोटो तक नहीं दिखाई गई। दुल्हन का कहना है कि जब पहली बार दूल्हे को देखा तो दूल्हा उसे पसंद नहीं आया।
दुल्हन ने यह कहा-
वैवाहिक जीवन के साथ ही एक बार फिर से नई जिंदगी की शुरुआत मानी जाती है। मुझे देखने में ही दूल्हा ठीक नहीं लगा सो मैंने मना कर दिया। अब इसमें क्या गलत है और क्या सही है, मुझे नहीं पता। लेकिन मेरीे जिंदगी का सवाल था सो मैने समझौता करना उचित नहीं समझा।
प्रीति कुशवाह, दुल्हन