मामले में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। घटना के बाद घायल को अस्पताल ले जाने की जगह पुलिस उसे थाने में खड़े रखकर बयान लेने में ही एक घंटे से ज्यादा समय लगाया। इस दौरान कटे हाथों से रिसते खून और असहनीय पीड़ा के बीच सरपंच का नाम लेकर घायल चीखता-चिल्लाता रहा, लेकिन पुलिस को ध्यान नहीं दिया। परिजन दोनों कटे पंजों को साथ लेकर पहुंचे थे। इनका था कि ऐसे में देरी व ज्यादा खून बहने से घायल सोमेश की जान भी जा सकती थी। पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने में घंटों लगा दिए। शनिवार शाम तक आरोपी सरपंच भगवान सिंह समेत आरोपियों में से किसी भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। पुलिस ने गांव सहित आसपास के ठिकानों पर रिश्तेदारों के यहां दबिश दी, लेकिन ये नहीं मिले।
इनका कहना है…
घटना के आठों नामजद आरोपियों पर प्रकरण दर्ज किया है। सभी आरोपी गांव से फरार हैं। सभी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
– अशोक बरवड़े, थाना प्रभारी बाबई, जिला होशंगाबाद