दरअसल अपना आशियाना हर इंसान का सपना होता है और ऐसे ही मिडिल क्लास लोगों के लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) को लॉन्च किया था । इस योजना की आखिरी तारीख 31 मार्च है और कई लोग कोरोना संकट के चलते चाहते हुए भी इस स्कीम में रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाएं। इसलिए सरकार इस योजना की तारीख बढ़ाने पर विचार कर रही है।
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PMAY CLSS को हाउसिंग फोर ऑल के लक्ष्य के साथ लॉन्च किया गया था जिसमें योग्य कर्जधारक को बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से सब्सिडी के साथ ब्याज दर पर होम लोन मिल जाता है। 18 सितंबर के बाद इस स्कीम को जमीन पर लागू करने की रफ्तार कम हो गई क्योंकि लिक्विडिटी का संकट था।उनके मुताबिक बहुत सारी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां EWS/LIG को कर्ज देने में जुटी थी और अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से डिमांड में भी गिरावट आई।
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किन लोगों के लिए है ये स्कीम-
MIG-I, MIG-II और LIG/EWS के भीतर CLSS सब्सिडी व्यक्ति की आय पर निर्भर करती है। इसी वजह से कर्जधारकों को मिलने वाली सब्सिडी की राशि भी अलग-अलग होती है।
कितना मिलता है लाभ-
आपको मालूम हो कि 6 -12 लाख रुपये आय वाले लोग MIG-I में आते हैं और उन्हें 4 फीसदी की ब्याज सब्सिडी 9 लाख तक की लोन राशि पर मिलती है। इसी तरह जिनकी आय 12 -18 लाख के बीच वाले लोग MIG-II में आते हैं और उन्हें 9 लाख रुपये तक की लोन राशि पर 3 फीसदी की ब्याज सब्सिडी मिलती है। LIG/EWS के लिए लोन की राशि 6 लाख और ब्याज सब्सिडी 6.5 फीसदी है ।