खैर एसोचैम हेड की मानें तो सरकार को इस वक्त महंगाई पर ध्यान नहीं देना चाहिए बल्कि अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने के बारे में सोचना चाहिए । सरकार को इस वक्त सस्ते तेल की कीमतों का फायदा उछाना चाहिए । अगर सरकार ऐसा कर पाती है तो सरकार को कम से कम 50 अरब डॉलर (3.75 लाख करोड़ रुपए) का फायदा होगा। यहां पर ध्यान देने वाली बात ये है कि इस कदम से इकोनॉमी को ट्रैक पर आने में मदद मिलेगी लेकिन सिर्फ यही काफी नहीं होगा। सरकार को अपनी आय को बढ़ाने के तरीकों पर विचार करना होगा ताकि आर्थिक पैकेज दिया जा सके।
इन सेक्टर्स को हुआ है सबसे ज्यादा नुकसान- वैसे तो अर्थव्यवस्था के हर पहलू पर कोरोना का कहर है लेकिन एयरलाइंस, ट्रेवेल, होटल एंड रेस्ट्रो, MSMEs को सबसे ज्यादा मुकसान हुआ है । अभी कुछ दिनों पहले आई रिपोर्ट के मुताबिक एयरलाइंस इंडस्ट्री को 70-80 हजार करोड़ का नुकसान होने की आशंका है वहीं रेस्ट्रो बिजनेस 5 लाख से ज्यादा रेस्ट्रो बंद होने की वजह से लाखो लोग बेरोजगार हो चुके हैं।
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RBI ने घटाई रेपो रेट- अर्थव्यवस्था में कैश फ्लो बनाए रखने के लिए आरबीआई ने पिछले हफ्ते रेपो रेट में ऐतिहासिक कटौती की थी। जिसकी वजह से माना जा रहा है कि लोगों की परचेजिंग प़ॉवर बनी रहेगी और लोन की किस्तों में भी राहत मिलेगी।
1 आर्थिक पैकेज दे चुकी है सरकार-
सरकार ने 26 मार्च को 1.70 लाख करोड़ रुपए का पैकेज घोषित किया था। इसमें गरीबों के खाने-पीने से लेकर कर्मचारियों को पीएफ के रूप में कई सारी सहूलियते दी गई थी। ताकि लोगों की जिंदगी बदस्तूर चलती रहे। अब उद्योग जगत को पहले की तरह चलने के लिए सरकार से मदद की उम्मीद है लेकिन ये मदद देना सरकार के लिए भी आसान काम नहीं होगा। खैर बताया जा रहा है कि सरकार नीति आयोग और आरबीआई से इस संबंध में लगातार मीटिंग कर रही है। लेकिन ऐलान कब होगा कहा नहीं जा सकता ।