राहुल गांधी के वकील केसी कौशिक ने बताया कि कोर्ट ने माना कि राहुुल भारतीय नागरिक हैं। उनके पास किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं है। उनके वोटर आईडी, इनकम टैक्स, पासपोर्ट सब भारत के हैं। राहुुल का नाम भी असली है और उन्होंने 1995 में यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज से एमफिल किया है।
यह है मामला राहुुल ने 10 अप्रेल को अमेठी से नामांकन किया था। यहीं से निर्दलीय प्रत्याशी ध्रुव लाल कौशल ने हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए राहुुल के नामांकन और शैक्षिक योग्यता पर सवाल उठाया था। कौशल का आरोप था कि राहुुल के पास ब्रिटिश नागरिकता है और उनका असली नाम राउल विंसी है। ध्रुव लाल के वकील रवि प्रकाश ने दावा किया कि पिछले पांच साल से ब्रिटिश कंपनी चल रही है और उससे मुनाफा भी कमाया जा रहा है। लेकिन इसकी कोई जानकारी हलफनामे में नहीं दी गई। इन आरोपों पर बीजेपी ने भी राहुल गांधी से सवाल किया है और नागरिकता पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि राहुुल गांधी है ही नहीं, उनका नाम तो राउल विंसी है। इस आधार पर उन्होंने नामांकन रद्द करने की मांग की थी। अमेठी के रिटर्निंग ऑफिसर ने राहुुल के नामांकन की जांच 22 अप्रेल तक स्थगित कर राहुुल से जवाब पेश करने को कहा था। इसी मामले पर सोमवार को सुनवाई के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने फैसला सुनाया।