अंबिकापुर. तमोर पिंगला अभयारण्य में कर्नाटका से कुमकी हाथियों को यहां के अन्य हाथियों को नियंत्रित करने लाया गया है। कुमकी हाथियों को प्रशिक्षित करने करीब दर्जनभर महावतों को भी लगाया गया है। फिलहाल हाथी यहां के वातावरण में ढल रहे हैं। गुरुवार की सुबह एक महावत कुमकी हाथी परशुराम को ट्रेनिंग दे रहा था।
इसी दौरान हाथी ने सूंड में लपेटकर उसे हवा में उछाल फेंका। जमीन पर गिरते ही हाथी उसे पैरों तले रौंद ही रहा था कि कुछ दूरी पर रहे अन्य महावत अवतार बनकर वहां पहुंच गए।
उन्होंने हाथी को काबू में कर महावत की जान बचा ली। महावत को बेेहोशी की हालत में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है। सरगुजा के हाथियों को नियंत्रित करने कर्नाटका से कुमकी हाथियों को लाया गया है। फिलहाल कुमकी हाथियों को सूरजपुर जिले के रमकोला स्थित तमोर पिंगला अभयारण्य में रखा गया है। इन हाथियों को काबू में करने स्थानीय सहित कर्नाटका के महावत भी आए हैं।
गुरुवार की सुबह करीब 7 बजे अंबिकापुर से लगे बिशुनपुर निवासी महावत विनोद खेस्स पिता गोंदुल 28 वर्ष कुमकी हाथी परशुराम को प्रशिक्षित कर रहा था। इसी दौरान हाथी ने उसे सूंड से उठाकर फेंक दिया। जब वह जमीन पर गिरा तो हाथी उसे पैर से लुढकाने लगा।
इसी बीच उसने महावत को रौंदने उसकी पीठ पर पैर रखा ही था कि वहां मौजूद रामस्वरूप, लोहारु समेत 9 महावत पहुंच गए और हाथी को उन्होंने काबू में कर लिया। समय पर महावत नहीं पहुंचते तो विनोद की जान चली जाती।
गजराज वाहन से ले जाया गया अस्पताल महावत को हाथी द्वारा पटके जाने की खबर मिलते ही रेंजर एसपी सोनी समेत वन अमले के कर्मचारी पहुंच गए। उन्होंने गजराज वाहन से गंभीर रूप से घायल महावत को प्रतापपुर अस्पताल में भर्ती कराया।
यहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर के लिए रेफर कर दिया। फिलहाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महावत बेहोशी की हालत में है और उसका उपचार जारी है।
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