‘टॉपिक ऑफ द डे’ में आज सीए दिनेश अग्रवाल ने पत्रिका डॉट कॉम से जीएसटी को लेकर चर्चा की। उन्होंने बताया कि जीएसटी की पूरी जानकारी नहीं होने से लोग अभी भी ठगे जा रहे हैं। ऐसे में व्यापारी एमआरपी रेट पर भी अलग से जीएसटी लगाकर लोगों को चपत लगा रहे हैं। इसकी जानकारी होना सभी के लिए जरूरी है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट दिनेश अग्रवाल ने बताया कि उपभोक्ता दुकान में सामान लेने जाएं तो उसे इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि किस प्रोडक्ट पर कितना जीएसटी लगता है। हर प्रोडक्ट के हिसाब से अलग-अलग जीएसटी प्रतिशत की कैटेगरी बनाई गई है।
उन्होंने बताया कि दुकानदार कभी भी एमआरपी रेट पर जीएसटी नहीं लगा सकता। इसका मतलब यह है कि जिस प्रोडक्ट का जितना प्रिंट रेट है उससे अधिक कोई भी व्यापारी यह कहकर नहीं ले सकता कि एमआरपी रेट के बाद भी जीएसटी लगेगा।
सबसे महत्वपूर्ण बात उन्होंने बताई कि जब किसी दुकानदार से आप बिल ले रहे हों तो बिल पर जीएसटी नंबर जरूर देखें। बिना जीएसटी वाला बिल न लें। बिना जीएसटी वाला बिल देकर दुकानदार काफी मोटा मुनाफा कमाने के अलावा राजस्व को भी नुकसान पहुंचाता है।
ऐप के माध्यम से ले सकते हैं जानकारी
यदि किसी उपभोक्ता को जीएसटी के संबंध में जानकारी नहीं है तो वह किसी सीए से संपर्क कर सकता है। इसके अलावा केंद्र शासन द्वारा विभिन्न मोबाइल ऐप भी चलाए गए हैं जिनके माध्यम से जीएसटी के संबंध में पूरी जानकारी हासिल हो सकती है।