हरियाणा के कर्मचारियों के एक बड़े वर्ग की अगुवाई कर रहे सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सुभाष लांबा के अनुसार हड़ताल का बिजली, जन स्वास्थ्य, नगर निगमों, पालिकाओं, परिषदों, सिंचाई, स्वास्थ्य, हुड्डा, शिक्षा, लोक निर्माण, पशुपालन, महिला व बाल विकास विभाग, राजस्व, टूरिज्म,वन, आईटीआई, तकनीकी, पंचायत, कृषि सहित सभी बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों में व्यापक असर रहा।
उन्होंने पुलिस पर दमनकारी कदम उठाने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि कर्मचारियों की गिरफ्तारियों के बावजूद रोड़वेज की अधिकतर बसों का चक्काजाम रहा। सभी डिपो व सब डिपो को पुलिस छावनी में तब्दील किया हुआ था। अंबाला से हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष इन्द्र सिंह बधाना सहित 4, रोहतक से प्रांतीय उपाध्यक्ष सुमेर सिवाच, कार्यालय सचिव जय कुवार दहिया, डिपो प्रधान सहित अंबाला, रोहतक व फरीदाबाद से दर्जनों कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार किया गया।
हड़ताली कर्मचारियों व मजदूरों ने अपने—अपने कार्यालय के सामने प्रर्दशन किए और फिर एक जगह इकट्ठे होकर शहरों व कस्बों में जुलूस निकालकर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किए। बुधवार को हड़ताली कर्मचारी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मबीर फोगाट व महासचिव सुभाष लांबा ने हड़ताल की सफलता का दावा करते हुए कहा कि हड़ताल के मुद्दों का कर्मचारियाें ने हड़ताल करके जबरदस्त समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने,जन सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाने, संघ के सुझाव अनुसार रेगुलराइजेशन बिल पारित कर सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, समान काम समान वेतन अादि मांगों को लेकर कर्मचारी अब निर्णायक संधर्ष के लिए तैयार हैं।
सीआईटीयू के प्रधान कामरेड सतबीर सिंह व महासचिव जय भगवान ने बताया कि हरियाणा में देशव्यापी हड़ताल में सात लाख औधोगिक मजदूरों ने भागेदारी की है। फ़रीदाबाद, सोनीपत, गुड़गांव में काफी उद्योग बंद रहे व मजदूरों ने इंडस्ट्रियल एरिया में जुलूश निकाले। हज़ारों की संख्या में आँगनवाड़ी, आशा, मिड-डे मील, ग्रामीण सफ़ाई कर्मी, चौकीदार, निर्माण मजदूर सड़कों पर उतरे।
उन्होंने कहा कि बुधवार को भी हरियाणा में उधोगों का चक्काजाम रहेगा। हड़ताली मजदूरों-कर्मचारियों ने मांग की मोदी जी पक्का रोजगर दो, ठेका प्रथा खत्म करो, समान कम समन वेतन हो व परियोजना समेत तमाम विभागों के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करो। मजदूरों ने संकल्प लिया कि श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर बीजेपी सरकार के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार जाति व धर्म के नाम पर विभाजन पैदा कर आगामी चुनावों में जितना चाहते हैं। यह सपना, सपना ही रहेगा। मजदूर-कर्मचारियों-किसानों की मांगों का हल नहीं हुआ तो चुनावों में भी बीजेपी को पटखनी मिलेगी।