नए आदेश ने बिगाड़ा स्कूलों में योग का गणित
राज्य में सरकार के साथ ही शिक्षा विभाग में बदलाव की ब्यार सी चल पड़ी है, पहले स्कूली पाठयक्रम में बदलाव और अब ग्रीष्मावकाश की अवधि के साथ-साथ शिविरा कैलेंडर में हुए बदलाव हुआ है।शिविरा पंचाग में हुए इस बदलाव ने योग दिवस के मायने भी बदल दिए हैं।
नए आदेश ने बिगाड़ा स्कूलों में योग का गणित
नए आदेश ने बिगाड़ा स्कूलों में योग का गणित अलवर.राज्य में सरकार के साथ ही शिक्षा विभाग में बदलाव की ब्यार सी चल पड़ी है, पहले स्कूली पाठयक्रम में बदलाव और अब ग्रीष्मावकाश की अवधि के साथ-साथ शिविरा कैलेंडर में हुए बदलाव हुआ है।शिविरा पंचाग में हुए इस बदलाव ने योग दिवस के मायने भी बदल दिए हैं। पूर्व सरकार की ओर से जहां अन्र्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए ग्रीष्मावकाश की अवधि में बदलाव कर स्कूलों को 19 जून से खुलवा दिया था, जिससे स्कूली बच्चें और शिक्षक योग दिवस में भाग ले सके। इस शिक्षा सत्र से बच्चों केे लिए शैक्षिक सत्र का प्रारम्भ एक जुलाई को होगा, तो ऐसे में विद्यालयों में योग दिवस को लेकर असमंजस बरकरार है।इस बार 19 की बजाय 24 को स्कूल पहुंचेगे मास्साब-पूर्व सरकार के शिक्षा विभाग के आदेशानुसार ग्रीष्मावकाश 18 जून को समाप्त होते थे और 19 जून को विद्यालय के शिक्षा सत्र की शुरुआत होती थी परन्तु इस बार नए सत्र की शुरुआत 1 जुलाई से होगी और प्रधानाध्यापक व अन्य स्टाफ विद्यालय में 24 जून से आएंगे। इस दौरान वे सत्रारम्भ की तैयारी के अलावा, टीसी बनाने और प्रवेश की तैयारी का कार्य करेंगे। पूर्व में शिक्षा सत्र की समाप्ति 9 मई को हुई थी, परन्तु आने वाले सत्र की समाप्ति 16 मई को होगी और गर्मी की छुटिटयंा 10 मई की बजाय 17 मई से होगी। इसके साथ-साथ शीतकालीन अवकाश में भी कटौती की गई है, जिसे 15 दिन से घटा कर सात दिवस 25 से 31 दिसम्बर तक ही कर दिया गया है।
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