इस बैठक में कुलपति डॉ. भारत सिंह, सदस्य एमपी तिवारी, डॉ. केशरी नंदन मिश्र, डॉ. अखिलेश गुप्ता, डॉ. जी.डी. मेहंदीरत्ता, हुकुम सिंह, शैलेन्द्र सिंह भाटी और कुल सचिव सरोज गुप्ता मौजूद थी। बोम की बैठक में परीक्षा आईटी और नॉन आईटी कार्य के लिए तीन सत्रों के लिए परीक्षा से पहले और बाद के कार्यों के लिए निविदा अजमेर की एक कम्पनी को 2021 तक के लिए दे गए। यह कार्य 2019 में एक विद्यार्थी के लिए 28 रुपए 50 पैसे तथा 2020 के लिए 29 रुपए और 2021 के लिए 29 रुपए 50 पैसे की दर से पास किया गया। परीक्षा के लिए उत्तर पुस्तिकाओं का अनुबंध मथुरा की एक फर्म को दिया गया। यही नहीं विश्वविद्यालय कार्यालय के लिए 15 डेस्कटॉप कम्प्यूटर व यूपीएस खरीदने, पहली बार डिग्री छपवाने, परीक्षा समिति व वित्त नियंत्रक को किराए का वाहन उपलब्ध करवाने के निर्णय
कर गए।
ये निर्णय हुए खास अगस्त माह के अंत में दीक्षांत समारोह आयोजित करने।
भूगोल विषय के पीजी विद्यार्थियों का सात दिवसीय शिविर।
हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, राजनीति विज्ञान सहित कई विषयों में एम फिल पाठयक्रम संचालित करने।
आगामी सत्र की परीक्षा ओल्ड व न्यू स्कीम समाप्त कर एक ही पैटर्न से करने।
विश्वविद्यालय के लिए 20 अलमारियां खरीदने।
15 लाख की लागत से महाराजा भर्तृहरि की प्रतिमा लगवाने।
लेपटॉप व 10 प्रिंटर्स क्रय करने।
प्रश्न पत्र बनाने का मानदेय बढ़ाने।
बैठकों में आने वाले विशेषज्ञों को मानदेय एक हजार रुपा और टैक्सी का किराए देने।
रजिस्टर्ड फर्म से गार्ड लेने।
हल्दीना में निर्माणाधीन परिसर में पेड़ पौधों की देखभाल के लिए 5 लाख रुपए का प्रावधान।
एक मिनी बस और बोलेरो खरीदने का प्रस्ताव पारित।
5 लाख रुपए की लागत से प्रयोगशाला सामान खरीदने।
आशुलिपिक और निजी सहायक के पदों की भर्ती को निरस्त करने।
विश्वविद्यालय भवन निर्माण के लिए विश्वविद्यालय निधि से0 करोड़ रुपए देने।
अभी नहीं करनी चाहिए थी बैठक कुलपति के कार्यकाल का अंतिम दिन सोमवार रहा। इस दिन बृज विश्वविद्यालय भरतपुर के कुलपति डॉ. अश्विनी बंसल ने अतिरिक्त कार्यभार संभाला। इस अवसर पर कुलपति डॉ. भरत सिंह को विदाई दी गई। विशेषज्ञों का कहना है कि जब कुलपति का कार्यकाल पूरा होने वाला है तो एेसे समय में बोम की बैठक बुलाकर अपनी मनमर्जी के निर्णय करवाना सही नही है। इस दिन जन प्रतिनिधि विधायक तक उपस्थित नहीं थे।
बहुत से उल्लेखनीय कार्य करवाए कुलपति डॉ. भरत सिंह ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि मेरा कार्यकाल अनेक चुनौतियां भरा रहा। इस समय विश्वविद्यालय के पास संसाधनों का अभाव था, लेकिन इसके बावजूद कई कीर्तिमान स्थपित किए हैं। बोम की बैठक नियमानुसार बु
लाई गई है। मेरे कार्यकाल में विश्वविद्यालय ने बहुत प्रगति की है।