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प्रयागराज

अनोखे ढंग से यहां मनाया गया वैलेन्टाइन डेे, गुलाब देकर युवाआें ने बोला…

Valentine Day

प्रयागराजFeb 14, 2019 / 07:43 pm

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

valentine day

संगम को दिए गुलाब, युवा बोले रिवर माई वैलेंटाइन

वैलेंटाइन डे पर 14 फरवरी को कुम्भ मेला में जुटे लोग और शहर के युवाओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में एकत्र होकर वैलेनटाइन डे मनाया। गुलाब के फूलों से भरी टोकरियाँ संगम के जल में समर्पित की गईं और उन्हें बाहर निकालकर वही गुलाब वहां मौजूद लोगों को भेंट किये गए। मोहब्बत के यह फूल शहर की अलग अलग इबादतगाहों से लाये गए। नैनी की मजार, गुरुद्वारे के साथ छोटी नदियों के शिविर में स्थापित 108 नदियों की मिट्टी के शिवलिंग पर चढ़ाए फूल और नैनी में गुलाब के फूलों के खेत से गुलाब लेकर गंगा को भेंट किये गए। सन्देश दिया गया कि गंगा का स्थान हर मजहब में ऊंचा है और उनको सर्वोच्च स्थान देकर ही देश का पूरे विश्व में गौरव बढ़ाया जा सकता है। गंगा के साथ छोटी नदियों और जल के हर स्रोत को अपना वैलेंटाइन बनाना होगा जिससे जल के युद्ध टाले जा सकें और समृद्धि आये।
14 फरवरी को सेक्टर 6 स्थित छोटी नदियां बचाओ अभियान के कार्यकर्ता अलग अलग टुकड़ियों में बंट गए। नैनी की मजार पर पहुंचे और वहां के धर्मगुरु से मां गंगा के लिए फूल मांगे तो मजार से जुड़े लोग साथ आ गए। इसी तरह नैनी के गुरुद्वारे के ग्रन्थी ने फूल देकर गंगा के प्रति अपनी आस्था जाहिर की। चर्च से सिस्टर एंजिल आईं और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सैकडों युवा एक साथ संगम नोज पर एकत्र हुए। अभियान के राष्ट्रीय संयोजक ब्रजेंद्र प्रताप सिंह ने फूलों में भरी टोकरी मां गंगा को भेंट की और आचमन किया। फिर अतंर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार एवं वसुधैव कुटुम्बकम के निदेशक एके डगलस और नेपाल से आईं कवियत्री रोमा, रवि रंजन ने अपने अपने देश के नागरिकों की तरफ से गंगा को पुष्प भेट किये और गंगा का आचमन किया। प्रयागराज के साहित्यकारों की तरफ से कवि डॉ श्लेष गौतम ने पुष्प दिए और गंगा के प्रति प्रेम दिखाते हुए कविता पढ़ी। स्वर्गीय कवि प्रमोद तिवारी का नदी गीत यू ट्यूब पर सुनाया गया। सबने एक स्वर में गंगा को अपना वैलेंटाइन बताते हुए गंगा के किनारे पौध लगाने, छोटी नदियां बचाने, तालाब खुदवाने और नदी को गंगा न करने, गंगा की अविरलता के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया। संगम तट पर शहीदों के प्रति अपना प्रेम और सम्मान दिखाते हुए शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को नमन किया गया। संकल्प हुआ कि नदी संरक्षण और विश्व में सद्भाव बनाये रखने, बुद्ध के देश से दुनिया में शान्ति कायम करने के लिए नदी को अपना प्रेम देंगे।
valentine
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी क असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ राहुल पटेल ने कहा कि नदी के साथ प्रेम का पर्व की शुरुआत दिव्य कुम्भ से की गई है। भारत की संस्कृति में प्रेम का प्रसार ही मूल है। बुद्ध ने यहीं से प्रेम का संदेश दिया। इस लिए कोई भी अच्छा मौका हो हमें प्रेम के भाव का प्रदर्शन करना चाहिए। पूरे देश में नदी के प्रति मोहब्बत दर्शाने का यह अभियान सराहनीय है।
मुस्लिम धर्म अनुयायी एम ए खान ने कहा कि गंगाजल और आबेजमजम दोनों एक समान सर्वोच्च सम्मान प्राप्त हैं। जल को बचाने से ही जीवन बचेगा सामाजिक कार्यकर्ता सरदार पतविन्दर सिंह ने कहा कि गुरु नानक साहब ने प्रेम का संदेश दिया और कहा कि प्राणी से प्रेम करो, मां गंगा के प्रति इसीलिए फूल लेकर सम्मान का प्रदर्शन करने आये हैं। संगम से आने के बाद नदी कार्यकर्ताओं में इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक सुनील गुप्ता, डॉ वानखेड़े के साथ अन्य लोगों को पुष्प भेट किये गए। यही फूल सन्तों महात्माओं को भी भेंर किये गए। इस मौके पर ज्ञानी छतविंदर सिंह, सुरीमदर सिंह सलूजा, चरनजीत सिंह, मौलाना आमिल बेग, आदिल, सुरेंद्र सत्या, वसुधैव कुटुम्बकम से जुड़े कलाकार रोमा, बांग्लादेश की लीसा, फ्रांस की मीना, दिल्ली से रवि रंजन, पटना से प्रमोद, रांची से अभिषेक, प्रयागराज से गौरव, लखनऊ से रंजना, पटना से हर्ष, कोलकाता से सुबोजीत, रांची से रामानुज समेत कलाकारों के अलावा शहर के रिसर्च स्कॉलर प्रभाकर सिंह, अमित रंजन पांडेय, सुशील पटेल, आवेश गौतम, सर्वेश राव, अतुल कुमार मौर्य, रोमा, गौरव मौर्या, प्रमोद प्रकाश आदि मौजूद रहे।
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