प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अक्षयवट मंदिर किला प्रयाग के सचिव रवीन्द्र नाथ योगेश्वर की पातालपुरी अक्षयवट मंदिर की दक्षिणी दीवाल ध्वस्तीकरण पर रोक की मांग में दाखिल अर्जी को मूल याचिका के साथ यथाशीघ्र पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सेना द्वारा दीवाल गिराने पर फिलहाल हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय तथा न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की खण्डपीठ ने दिया है। मामले की सुनवाई जनवरी में होगी। कोर्ट विचाराधीन याचिका पर इससे पहले ओ.डी.फोर्ट व भारत सरकार से जवाब मांगा है।
याचिका पर भारत सरकार के अधिवक्ता सभाजीत सिंह ने प्रतिवाद किया। याची का कहना है कि पातालपुरी अक्षयवट मंदिर की पूजा अर्चना उसका परिवार पांच सौ सालों से करता आ रहा है। किले में स्थित अक्षयवट मंदिर तक जाने के लिए मार्ग खोलने के नाम पर पातालपुरी मंदिर की दक्षिणी दीवाल गिरायी जा रही है जो याची के अधिकारों का हनन है। अर्जी में मंदिर परिसर की यथास्थिति बनाये रखने की मांग की गयी है।
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Home / Prayagraj / 450 साल बाद अक्षयवट मंदिर मार्ग खाले जाने का ये मामला पहुंचा हाईकोर्ट