यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल एवं न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने अधिवक्ता हरिओम सिंह को सुनकर दिया है। स्त्री अधिकार संगठन की मंजू पाठक की ओर से दाखिल जनहित याचिका में कन्निर अखाड़ा में शामिल कन्निरों का उच्चस्तरीय मेडिकल टेस्ट कराकर उनकी वास्तविक पहचान कराने की मांग भी की गई है। ताकि कन्निरों का धार्मिक व सामाजिक महत्व बरकार रहे और जो अन्य व्यक्ति कन्निर समाज के नाम पर गलत कार्यों में लप्ति हैं, उन्हें रोका जा सके। साथ ही ऐसे गलत कार्यों से महिलाएं अपने को सुरक्षित महसूस करें। कोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए पांच जुलाई की तारीख लगाते हुए आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी व अन्य विपक्षियों से तब तक अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा है।
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