मेडिकल कालेज में बंद हुई ओपीडी नाराज जूनियर डॉ. का आरोप है कि, मेडिकल कॉलेज के तीन सीनियर डॉ की प्रताड़ना व प्रिंसिपल द्वारा निष्कासन से आहत रेजिडेंट प्रमोद ने नीद की गोली खा ली है। जिसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। साथी के साथ हुए प्रताड़ना व आत्महत्या के प्रयास के बाद मेडिकल कॉलेज में ओपीडी, दवा वितरण, पर्चा काउंटर के साथ ही बाहर भी सभी दवा दुकानों को जबरन बंद करा दिया गया। वहीं पीड़ित डॉ प्रमोद का सात पन्ने का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ। जिसमें अपने साथ हुए प्रताड़ना से आहत आत्महत्या की बात लिखी है। इस घटना के बाद मेडिकल कॉलेज में प्रिन्सिपल सहित सभी डॉक्टरों की आपात मीटिंग चल रही है तो, वहीं दूर दराज से आये सैकड़ों मरीज बिना इलाज के भकट रहे हैं।
बिना गलती के पैर छूने को कहा गया डॉ प्रमोद के मुताबिक़ बीते दिनों डॉ प्रमोद की भांजी इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज में काउंसलिंग कराने आई थी। जिसके साथ डॉक्टर प्रमोद स्थानीय अभिभावक की तरह गये गये थे। काउंसलिंग के दौरान एक एफिडेविट को लेकर काउंसलिंग कर रहे डॉ ने आपत्ति दर्ज कराई कहा कि, यह पुराना है, जिस पर डॉ प्रमोद ने कहा कि, मैं यहीं काम करता हूं। एफिडेविट में संसोधन करा दूंगा, अभी काउंसलिंग हो जाने दें। जिस पर वहां बैठे डॉक्टर आरपी कमल और डॉ देवाशीष शर्मा ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। डॉ प्रमोद ने बताया कि, वहां मौजूद सीनियर्स ने सबका पैर छूकर गलती मानने की लिए कहा। मुझे लगा सीनियर है, गलती मान ली, लेकिन मुझसे तीन बार 10 से 12 लोगों का पैर छूने के लिए कहा गया ।
वरिष्ठ डॉ ने दी कैरियर खराब करने की धमकी इसकी बावजूद डॉ आर पी कमल ने कहा कि, तुम्हें मैं नहीं छोडूंगा, तुम्हे जूते से मारूँगा, तुम्हारा कैरियर खराब हो जाएगा, तुम जिंदगी भर हाई कोर्ट के चक्कर लगाते रहोगे। डॉ प्रमोद ने बताया कि, कुछ दिन पहले उनके निष्कासन का लेटर उनके पास आया। जिसके बाद वो प्राचार्य के पास गये, लेकिन उनकी कुछ नहीं सुनी गई। उन्होंने कहा कि, मेरी क्या गलती थी, मुझे क्यों निष्काषित किया गया। डॉक्टर प्रमोद ने सुसाइड नोट में अपने परिवार वालों से गलती मानी है कि, उनके पास कोई और रास्ता नहीं बचा था।
input प्रसून पांडेय