उन्होंने बताया कि अषाढ़ मास की पूर्णिमा पर मंगलवार रात चंद्र ग्रहण का दुर्लभ योग बन रहा है। गुरु पूर्णिमा और खंडग्रास चंद्र ग्रहण एक ही दिन पड़ने का यह दुर्लभ संयोग है। कहा की चन्द्र ग्रहण का योग बनने के चलते वर्षों बाद प्रसिद्ध लेटे हुए हनुमान मंदिर का कपाट ग्रहण लगने से नौ घंटे पूर्व पूजा-अर्चना के बाद बंद कर दिए जाएगा। मटकी पीठाधीश्वर और बड़े हनुमान मंदिर के महंत नरेंद्र गिरि के मुताबिक देर रात 1.54 पर 149 साल के बाद यह दुर्लभ योग बन रहा है। उन्होंने बताया की चंद्र ग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक काल लग जाएगा।
गुरु पूर्णिमा: गुरु पूर्णिमा पर इसका होता है खास महत्व, पूजा के बाद करें ये काम
बड़े हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना के बाद कपाट बंद कर दिये जायेंगे। बताया की चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान देना होगा । मान्यता के अनुसार चंद्र ग्रहण को देखना नहीं चाहिए। घरों की दीवारों पर गेरुआ के चिह्न लगाने चाहिए। बताया कि यह ग्रहण बुधवार को सुबह पांच बजे तक प्रभावित रहेगा। जिसके बाद बड़े हनुमान मंदिर की साफ-सफाई और पूजा-अर्चना करने के बाद कपाट खोले जाएंगे। इस दौरान श्रद्धालु गंगा स्नान और मंत्रों का जापकर सकते हैं। इसके साथ ही मंदिर के बाहर ही लोग बैठकर पूजा अर्चना भी कर सकते हैं।