परिसरों के अंदर और बाहर भारी तादात में फोर्स तैनात रही। विश्वविद्यालय में सुबह 8 बजे से मतदान शुरू हुआ और दो बजे तक चला। कई सालों बाद मतदाताओं में इतना उत्साह देखने को मिला। कुल मतदान प्रतिशत देर शाम तक जारी नहीं किया जा सका था। हालांकि परिसर से लेकर सड़कों तक और मोहल्लों तक मतदान का भारी उत्साह रहा। विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव का मतदान 8 घंटे तक चला। इस दौरान अफवाहों और जीत— हार और शक्ति प्रदर्शन का दौर जारी रहा। छात्र संगठन जहां अपने अपने पैनल को भारी बताते हुए जीता रहे थे तो, निर्दलीय प्रत्याशियों के समर्थक भी अंतिम समय तक मैदान में जुटे रहे। कई बार अफरा—तफरी के बीच मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। सुबह से ही सीनेट हॉल परिसर और महिला छात्रावास में मतदाताओं की भारी भीड़ रही।
कई साल बाद आईसा भी लड़ाई में दिखी
संगठनों के दावों के बीच कई सालों से तीसरे और चौथे पायदान पर रहने वाले आईसा ने इस बार महामंत्री पद पर महिला उम्मीदवार नीलम सरोज को उतारकर भारी टक्कर दी है। एनएसयूआई के उपाध्यक्ष प्रत्याशी अखिलेश यादव ने आखिरी समय में छात्रों का समर्थन प्राप्त किया। हालांकि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि जीत किसकी होगी लेकिन परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। विद्यार्थी परिषद और समाजवादी छात्रसभा अध्यक्ष पद पर कांटे की लड़ाई लड़ रही है समाजवादी छात्र सभा के उदय प्रकाश सिंह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अतेंद्र सिंह के समर्थकों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी। अतेंद्र ने दावा किया कि वह बड़ी जीत हासिल करने जा रहे हैं वहीं, उदय प्रताप ने कहा उनकी जीत तय है।
खुद एडीजी ने संभाला सुरक्षा को मोर्चा
चुनाव के दौरान विवि परिसर सहित आसपास के इलाकों में भारी फोर्स तैनात रही। खुद एडीजी एसएन साबत सहित एसएसपी नितिन तिवारी ने कानून— व्यवस्था की कमान संभाली। विवि कैंपस सहित आसपास फ्लैग मार्च किया गया और शांतिपूर्वक मतदान कराया जा सका। सालों बाद ऐसा हुआ है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मतदान के दौरान बड़ी उपद्रव नहीं हुई है। परिणाम देर रात आने की संभावना है जिसे देखते हुए प्रशासन अलर्ट है।
कॉलेजों में भी रही तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था
कैंपस के साथ ही छात्रावासों और संघटक काॅलेजों में बड़े पैमाने पर सुरक्षा कर्मी तैनात रहें इसके लिए 9 एएसपी 18 सीओ 39 एसओ 1 कंपनी आरएएफ 2 कंपनी और एक प्लाटून पीएसी एक दस्ता घुड़सवार पुलिसए 8 महिला एसआई 69 महिला कांस्टेबल, 763 कांस्टेबल के साथ ही फायर टेंडर तैनात किए गए थे।