इलेक्ट्रिकल की ७२, मेकेनिकल इंजीनियरिंग की ७० फीसदी सीटें रहीं खाली
चॉइस में अव्वल कंप्यूटर की भी २८ फीसदी सीटें रिक्त
इलेक्ट्रिकल की ७२, मेकेनिकल इंजीनियरिंग की ७० फीसदी सीटें रहीं खाली
अहमदाबाद. राज्य में बीई कोर्स में पहले चरण के प्रवेश आवंटन के बाद की स्थिति में सबसे ज्यादा सीटें इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स में खाली रहीं। इस कोर्स में उपलब्ध ७९१९ सीटों में से ७१.७३ फीसदी सीटें (५६८१ सीटें) खाली रह गईं। इसके बाद सबसे ज्यादा ७० फीसदी सीटें मेकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स में खाली रहीं।
मेकेनिकल इंजीनियरिंग की १३५६८ सीटों मे सिर्फ ३० फीसदी सीटों (4०६६) पर ही विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। इस कोर्स में ९५०२ सीटें खाली रह गईं।
कंप्यूटर ब्रांच चॉइस फिलिंग के लिहाज से सबसे अव्वल रही। हालांकि फिर भी इस कोर्स में भी १२३१२ सीटों में से २८ फीसदी सीटें ( ३४९८ सीटें) खाली रह गईं। इस कोर्स में ८८१४ सीटें ही भरीं।
सिविल इंजीनियरिंग में भी ११००९ सीटों में से ७४२८ सीट (६७.४७ फीसदी सीटें) खाली रह गईं। इसमें सिर्फ ३५८१ सीटें ही भरीं।
केमिकल इंजीनियरिंग की २६४३ सीटों में से १७९८ सीटें भरीं और ३१.९७ फीसदी सीटें (845 सीटें) खाली रह गईं।
इलैक्ट्रॉनिक्स एंड कंम्युनिकेशन (ईसी) की ५७.८९ सीटें खाली रह गईं। कुल ४८८1 सीटों में से २०५५ भरीं जबकि २८२६ खाली रह गईं।
एसीपीसी के सदस्य सचिव डॉ. जी.पी.वडोदरिया ने कहा कि इस साल चॉइस भरने के लिहाज से टॉप पर कंप्यूटर ब्रांच रही। मेरिट लिस्ट में पहले स्थान पर रहने वाले विद्यार्थी ने भी कंप्यूटर में प्रवेश लिया और सबसे अंत में रहने वाले विद्यार्थी ने भी कंप्यूटर कोर्स में ही प्रवेश लिया।
इलेक्ट्रिकल, मेकेनिकल, सिविल जैसी ब्रांच में ज्यादा सीटें खाली रहने के कई कारण हैं। एक तो इनमें सीटें ज्यादा हैं फिर दूसरा प्लेसमेंट नहीं मिल पाना भी वजह है। विद्यार्थी अच्छे कॉलेजों की इन ब्रांचों में ही विद्यार्थी प्रवेश लेना पसंद कर रहे हैं।
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