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आगरा

Big News दो अप्रैल को हुए प्रदर्शन के बाद दलितों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी जीत

भारत बंद के दौरान हुई हिंसा में 21 दलितों पर लगे मुकदमे उच्च न्यायालय ने किए खारिज, आगरा के एडवोकेट सुरेश चंद्र सोनी ने की थी पैरवी, सभी 21 मुकदमे खारिज होने से दलित समाज में खुशी का माहौल

आगराNov 17, 2018 / 05:52 pm

अभिषेक सक्सेना

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Big News दो अप्रैल को हुए प्रदर्शन के बाद दलितों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी जीत

आगरा। दो अप्रैल को भारत बंद था। इस बंद के दौरान आगरा में कई स्थानों पर आगजनी और बवाल हुआ था। भारत बंद दौरान हुई तोड़फोड़, आगजनी और बवाल में पुलिस ने दलित समुदाय के कई लोगों को हिरासत में लिया था। इन पर विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज किए गए थे। इन मुकदमों में आगरा के वकील सुरेश चंद्र सोनी ने निशुल्क पैरवी का ऐलान किया था। सभी केस लड़े थे। हाईकोर्ट तक इन मामलों को पहुंचाया था। एडवोकेट सुरेश चंद्र सोनी ने पत्रिका को जानकारी दी कि उच्च न्यायालय ने 21 दलितों पर लगाए मुकदमे खारिज कर दिए हैं।
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इन दलितों पर हुआ था मामला दर्ज
एडवोकेट सुरेश चंद्र सोनी ने बताया कि थाना सदर की रिपोर्ट 29–07–18 के अनुसार न्यायालय ने बाद संख्या –70/18 दर्ज कर 21 दलितों को तलब कर लिया और इनके विरुद्ध नोटिस जारी कर दिए। जिस पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने धारा 482 के अन्तर्गत पुलिस की रिपोर्ट व अदालत के आदेश को चुनौती दी गई। जिस पर उच्च न्यायालय ने 14–11–18 को पुलिस व अदालत के आदेश को खारिज कर दिया। जिस पर दलित जगन सुभाष पप्पू, राधेलाल, सुकराम, महेश, राजेश, सतीश, डालचंद, लाखनसिंह, संतोष, गोपाल, चन्द्रभान, मुकेश, धर्मवीर, रघुवीर, हेमराज, राम प्रकाश, राजेन्द्र, सुनील कुमार, सुरेन्द्र, के घरों में खुशी की लहर दौड़ गई। इनमे से कोई भी दलित जेल नहीं गया। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा झूठा मुकदमा लगाने पर सभी दलित न्यायालय के माध्यम से मुआवजे कि मांग करेंगे।
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निशुल्क की गई पैरवी
सपोर्ट इंडिया के अध्यक्ष सुरेश चंद सोनी एडवोकेट भारत बंद के दौरान गिरफ्तार और आरोपी बनाए गए दलितों के केस फ्री में लड़ने की पहले ही घोषणा की गई थी। एडवोकेट ने इस मामले के सभी केसों में कोई फीस नहीं ली और 21 दलितों से मुकदमा खारिज हुआ।

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