सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की और मुख कर के आसान पर बैठें। गणेश भगवान की तस्वीर या मूर्ति रखें व गणेश यंत्र की स्थापना करें। इसके बाद स्वच्छ आसन पर बैठकर पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, कलावा आदि भगवान को अर्पित करें। लड्डुओं या मोदक का भोग लगाएं। इसके बाद ॐ गं गणपतये नमः का 108 बार मंत्र जाप करें व आरती करें।
त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय। नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्। किसी भी ग्रहदशा से बचने के लिए ये जाप करें
गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक:।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम्।।