दरअसल 21 सितंबर को एससीएसटी आयोग के अध्यक्ष और आगरा के सांसद राम शंकर कठेरिया का जन्मदिन था। इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उनके खंदारी स्थित आवास पर रक्तदान शिविर भी लगाया गया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और उनके परिजनों ने मिलकर केक काटा। ये केक संसद की आकृति का बना हुआ था, साथ ही इस पर तिरंगा भी लहरा रहा था। केक में संसद के सामने छोटी छोटी कारें खड़ी करके इसे जीवंत रूप देने की कोशिश की गई थी। ये केक सांसद ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर काटा। हालांकि केक काटने से पहले ही उन्होंने तिरंगा हटा दिया था। केक काटते हुए उनकी ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। लोगों ने केक के रूप में संसद के टुकड़े टुकड़े करने पर आपत्ति जताई। लोगों का कहना था संसद देश की आत्मा है। इस तरह का केक उन्हें नहीं काटना चाहिए था।
बता दें कि सांसद राम शंकर कठेरिया अपने पिछले जन्मदिन पर भी विवादों में घिर चुके हैं। पिछली बार उनके जन्मदिन पर उनकी आरती उतारने को लेकर विवाद हुआ था और इस बार बर्थडे केक को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है।
संसद की आकृति का केक काटने का समाजवादी पार्टी और विश्व हिंदू परिषद ने भी विरोध किया है। विहिप के पूर्व प्रांतीय कार्यकारिणी सुभाष ढल का कहना है कि संसद लोकतंत्र का सर्वोच्च मंदिर है। उस पर चाकू चलाना निंदनीय है। वहीं समाजवादी पार्टी ने इसे लोकतंत्र की गरिमा से खिलवाड़ बताया है।