साहित्यकारों का एक मंच पर आना जरूरी
आगरा लिटरेचर क्लब ने पहला कार्यक्रम यूथ हॉस्टल संजय प्लेस में किया। ‘हम, आप और साहित्य’ पर चर्चा की। जैसा कि होता है सबसे पहले मां शारदे के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया गया। दीक्षा रिसाल ने मां शारदे की वंदना की। फिर साहित्यिक चर्चा का दौर शुरू हुआ। क्लब के उपाध्यक्ष डॉ. पीयूष जैन ने कहा कि आगरा लिटरेचर क्लब आगरा के साहित्य जगत में सफलताओं को अर्जित करने के साथ ही सामाजिक क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभायेगा। मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र सिंह नरवार ने कहा कि हमारी संस्था साहित्य के साथ-साथ सांस्कृतिक व भारतीय संस्कृति पर भी अपने कार्य करेगी, ताकि हम सर्वसमाज को एक अच्छा सन्देश दे सकें। कोषाध्यक्ष कांची सिंघल ने कहा कोष व्यवस्था में सार्वजनिक प्रणाली का उपयोग किया जायेगा। ये अन्य संस्थाओं के लिये उदाहरण का कार्य करेगा। वरिष्ठ शायर एड. अमीर अहमद ने इस कदम को सराहनीय बताते हुए शुभकामनाएं दीं। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अमी आधार निडर ने कहा कि सभी साहित्यकारों को एक साथ आना चाहिए ताकि शासन से साहित्य सम्बंधित चर्चा मजबूती से रखी जा सके।
नई पौध को संरक्षण की जरूरत
कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ कवयित्री पम्मी सडाना ने आगरा लिटरेचर क्लब की इस शुरुआत को साहित्य में मील का पत्थर कहा। पूनम ज़ाकिर ने ग़ज़ल के कहन को सीखने पर जोर दिया। आगरा लिटरेचर क्लब की संस्थापक व अध्यक्ष डॉ. नीतू चौधरी ने कहा कि वर्तमान समय में साहित्य को ध्रुवीकरण से बचाने की बेहद आवश्यकता है। जरूरत इस बात की भी है हम साहित्य के नयी पौध को भी सरक्षण दें, ताकि वो विशाल वृक्ष का रूप धारण कर सके। साथ ही उन्होंने बताया कि आगरा के सभी साहित्यकारों का डाटा-बैंक (आंकड़ा बैंक) तैयार किया जा रहा है, ताकि ये जानकारी में रहे कि किस विधा में कितने साहित्यकार मौजूद हैं, ताकि जरुरत पड़ने पर शासन को उपलब्ध कराया जा सके।
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कार्यक्रम में काव्य पाठ भी किया। सदस्यता अभियान भी चलाया गया। कार्यकम का संचालन कवि गीतकार दीपक सरीन ने किया। कार्यक्रम में प्रमेन्द्र सिंघल, नितीश जैन, दीपा गोस्वामी, अरविन्द सिंह, अनिष मेहरोत्रा, चाँद भाई, विवेक रायजादा, रंजन शर्मा, मंजू यादव, कंचन चौधरी, सर्वज्ञ शेखर गुप्त, अनिल जैन, शीला बहल, पंकज सिंह, हरजिंदर पाल सिंह आदि मौजूद रहे।