मामला खंडवा जंक्शन का है, 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की स्थापना के बाद वहां जाने के लिए आस्था ट्रेन चलाई गई। इस स्पेशल ट्रेन में यात्रियों को अच्छी क्वालिटी के भोजन की व्यवस्था भी आईआरसीटीसी ने करवाई। भोजन के पैकेट बनाने का ठेका खंडवा के ही निमेश अग्रवाल को दिया गया था। प्रति दिन ट्रेन पर 1300 से 1500 पैकेट भोजन देना होता था। इस बीच उनसे आईआरसीटीसी भुसावल के एरिया मेनेजर विकास यादव और उनके सहायक जय कुमार तायड़े ने अग्रवाल से अवैध मांग की। भोजन का मैन्यू तक बदलने के लिए कहा, इसकी इस बचत में से उन्हें भी हिस्सा मिल सके। इसके अलावा तायड़े ने होटल किराया, वाहन और एक कर्मचारी मांगा।
ठेकेदार ने एक बार उन्हें कुछ राशि भी दी थी, इसके बाद भी ठेकेदार पर दबाव बनाकर अवैध मांग करते रहे, इससे परेशान होकर ठेकेदार ने बाकायदा बातचीत का रिकार्ड सीएमडी दिल्ली और आइआरसीटीसी के ग्रुप मैनेजर वेस्ट जोन अनिल गुप्ता भेजा था। साथ ही मामले की पूरी जानकारी दी थी।
मामले को दबा रहे अधिकारी एरिया मैनेजर यादव सहयोगी अधिकारी तायड़े पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। दोनों को हटा दिया गया था। उनके बदले में नागपुर से आइआरसीटीसी ने एक नए अधिकारी को 10 दिन के लिए भुसावल के एरिया मैनेजर का काम सौंपा था। अब तक दोनों पर कार्रवाई तय नहीं हो पाई है। इन संबंध में दोनों आरोपियों और जांच अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई।