इमाम भेज सकते हैं मैसेज
जानकारी के मुताबिक पूजा अर्चना के दौरान धार्मिक स्थलों पर लोगों की अधिक संख्या होने से शहरों की यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है। घाना प्रशासन ने इस स्थिति से बचने के लिए यह कदम उठाया है। प्रशासन के अनुसार प्रार्थना के दौरान चर्च की घंटियां व मस्जिद में होने वाली अजान ध्वनि प्रदूषण में बढ़ोतरी करती है। जिससे वहां अगल-बगल रहने वालों लोग मुश्किल में आ जाते हैं। घाना के पर्यावरण मंत्री क्वाबेना फ्रिमपॉन्ग बोटेंग की मानें तो मस्जिद में इमाम वॉट्सऐप पर मेसेज भेजकर लोगों को नमाज के लिए बुला सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रेयर के समय की जानकारी भी वॉट्सऐप पर दी जा सकती है। उन्होंने इसे ध्वनि प्रदूषण राकने के लिए बड़ा कदम बताया है।
मुस्लिम समुदाय का विरोध
वहीं मुस्लिम समुदाय में सरकार के इस कदम को लेकर भारी रोष है। अकरा में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है सभी लोग सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं हैं और न ही सभी लोग मंत्री की तरह साक्षर हैं। ऐसे में पारंपरिक तरीके से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचना संभव है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से यह चेतावनी दी गई थी कि ध्वनि प्रदूषण से सेहत प्रभावित होती है।