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आज है षष्ठी तिथि, इन कार्यों को करने से बचें

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6 years ago
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षष्ठी नन्दा संज्ञक तिथि रात्रि २.०१ तक, इसके बाद सप्तमी भद्रा संज्ञक शुभ तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। षष्ठी तिथि में यथाआवश्यक गृहारम्भ, युद्धकार्य तथा अन्य मांगलिक कार्य शुभ कहे गए हैं। पर पितृकर्म, काष्ठ कर्म व यात्रादि नहीं करना चाहिए। सप्तमी तिथि में संगीत, यात्रा, गृहप्रवेश और विवाहादि मांगलिक कार्य किए जाने योग्य हैं।

नक्षत्र: विशाखा ‘मिश्र व अधोमुख’ संज्ञक नक्षत्र रात्रि १०.३४ तक, तदन्तर अनुराधा ‘मृदु व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। विशाखा नक्षत्र में अग्नि कार्य, वृषोत्सर्ग, बंधन, विष तथा अन्य भयंकर कार्य सिद्ध होते हैं। पर अनुराधा नक्षत्र में समस्त शुभ व मांगलिक कार्य करने योग्य हैं। योग: व्याघात नामक नैसर्गिक अशुभ योग सायं ५.१६ तक, इसके बाद हर्षण नामक नैसर्गिक शुभ योग हैं।

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विशिष्ट योग: कुमार योग नामक शुभ योग रात्रि १०.३४ तक, रात्रि १०.३४ से सूर्योदय तक अमृतसिद्धि, सर्वार्थसिद्धि व रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग है तथा रात्रि ४.०१ से राजयोग नामक शुभ योग है। करण: गर नामकरण दोपहर बाद १.२९ तक, इसके बाद रात्रि २.०१ तक वणिज नामकरण, तदन्तर भद्रा प्रारम्भ हो जाएगी।

श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से प्रात: ९.४४ तक लाभ व अमृत, पूर्वाह्न ११.११ से दोपहर १२.३८ तक शुभ तथा अपराह्न ३.३२ से सूर्यास्त तक क्रमश: चर व लाभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं। बुधवार को अभिजित नामक मुहूर्त शुभ कार्यों में त्याज्य हैं।

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शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज विशाखा नक्षत्र में हलप्रवहण और अनुराधा नक्षत्र में यथा आवश्यक विवाह का अतिआवश्यकता में (भद्रापूर्व लग्नाऽभाव दोषयुक्त) अशुद्ध मुहूर्त है।

व्रतोत्सव: आज श्री एकनाथ षष्ठी, श्री चन्द्र जयंती, पं. गोविन्द बल्लभ पंत पुण्य तिथि है। ग्रह नक्षत्र परिवर्तन: रात्रि ११.०५ तक प्लूटो उ.षा. नक्षत्र में प्रवेश करेगा। सायं ६.२७ पर मंगल मूल नक्षत्र व धनु राशि में प्रवेश करेगा। चन्द्रमा: चन्द्रमा सायं ४.०८ तक तुला राशि में, इसके बाद वृश्चिक राशि में है। दिशाशूल: बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर चन्द्र स्थिति के अनुसार आज सायं ४.०८ तक पश्चिम दिशा की व इसके बाद उत्तर दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। राहुकाल: दोपहर १२.०० से दोपहर बाद १.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।

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