नक्षत्र: धनिष्ठा नक्षत्र अंतरात्रि ४.५३ तक, तदुपरान्त शतभिषा नक्षत्र है। दोनों ही चर व ऊध्र्वमुख संज्ञक नक्षत्र है जिनमें मुण्डन, जनेऊ, सवारी, वास्तु, बाग-बगीचा, अलंकार, देवप्रतिष्ठादिक कार्य शुभ कहे गए हैं। योग: सौभाग्य नामक शुभ योग सायं ६.३९ तक, तदुपरान्त शोभन नामक शुभ योग है। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं। विशिष्ट योग: द्विपुष्कर नामक शुभाशुभ योग व राजयोग नामक शुभ योग रात्रि १२.२६ से अंतरात्रि ४.५३ तक है। करण: बालव नामकरण दोपहर १२.०३ तक, तदुपरान्त कौलवादि करण रहेंगे।
यह भी पढें: हनुमानजी का ये छोटा सा उपाय बदल देगा जिंदगी, इन समस्याओं का है रामबाण उपाय शुभ विक्रम संवत् : 207४
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 193९
हिजरी संवत् : 143८, मु.मास: जिल्काद-१५
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा
मास : भाद्रपद।
पक्ष – कृष्ण।
शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज हलप्रवहण का धनिष्ठा नक्षत्र में शुभ मुहूर्त है।
यह भी पढें: इस एक रेखा से तय होता है आदमी का भाग्य, इन उपायों से खुलती है किस्मत यह भी पढें: पीली सरसों के टोटके, करते ही दिखाते हैं असर, लेकिन मिसयूज न करें श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: ९.१५ से दोपहर बाद २.११ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा अपराह्न ३.४९ से सायं ५.२८ तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैंं एवं दोपहर १२.०६ से दोपहर १२.५८ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
व्रतोत्सव: गोगामेड़ी मेला प्रारंभ हनुमानगढ़ (राज.) में तथा पंचक प्रारंभ सायं ४.१६ से। चन्द्रमा: चन्द्रमा सायं ४.१६ तक मकर राशि में, तदन्तर कुम्भ राशि में प्रवेश करेगा।
ग्रह राशि-नक्षत्र परिवर्तन: प्लूटो वक्री अंतरात्रि ४.३० पर पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के तृतीय चरण में प्रवेश।
दिशाशूल: मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज दक्षिण दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है।
राहुकाल: अपराह्न ३.०० से सायं ४.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासम्भव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (गि, गु, गे, गो, सा) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। सायं ४.१६ तक जन्मे जातकों की मकर राशि व इसके बाद जन्मे जातकों की कुम्भ राशि है। इनके जन्म का नक्षत्र पाया ताम्र है। सामान्यत: ये जातक स्वास्थ्य की दृष्टि से कुछ कमजोर होते हैं। इनकी दीर्घायु के लिए कुछ अनुष्ठानादि करवा लेना हितकर है। वैसे ये जातक रागविद्या में रुचि रखने वाले और समाज में मान-सम्मान पाने वाले होते हैं। मकर राशि वाले जातकों को विवाहादि में सफलता मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय में लाभ होगा। मन फिर भी विचलित रहेगा।