Sawan 2018 : इस विधि-विधान से करें सावन व्रत का उद्यापन, सभी इच्छाएं होंगी पूरी
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Sawan 2018 : इस विधि-विधान से करें सावन व्रत का उद्यापन, सभी इच्छाएं होंगी पूरी
सावन माह का आखिरी सप्ताह शुरु हो चुका है। वहीं 26 अगस्त को पूर्णिमा के दिन सावन का महीना समाप्त हो रहा है। सावन माह में कई लोग व्रत करते हैं, कुछ पूरे सावन में व्रत रखते हैं और कुछ सिर्फ सोमवार का व्रत करते हैं। शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसे व्रत होते हैं जिनका उद्यापन करना अनिवार्य होता है। जैसे सावन और सावन सोमवार व्रत का उद्यापन करने के लिए शास्त्रों में कुछ विधि-विधान बताए गए हैं। इन नियमों का पालन कर व्रत पूर्ण होने पर उद्यापन या परायण जरूर करना चाहिए। उद्यापन अपने व्रत को भगवान के चरणों में समर्पित करने का तरीका एक तरीका होता है। इस बार सावन माह 26 अगस्त को समाप्त हो रहा है। एसी स्थिति में 25 अगस्त चतुर्थी तिथि को व्रत का उद्यापन करना फलदायी माना जाएगा। लेकिन उद्यापन सही तरीके और पूरे विधि विधान से होना चाहिए, आइए जानते हैं उद्यापन का सही तरीका

आप अपने व्रत का उद्यापन पंडित जी द्वारा भी करा सकते हैं या चाहें तो आप खुद भी कर सकते हैं। आप 25 अगस्त को चतुर्थी तिथि के के दिन सुबह के समय दैनिक कार्यों से निवृत्त हो जाएं। गणपति की आरती के साथ पूजा शुरू करें। पूजा के बाद हवन करें, हवन करते समय ध्यान दें की हवन सामग्री में काले तिल का प्रयोग अवश्य करें। पूजा के बाद किसी जरूरतमंद को श्रृद्धआनुसार वस्त्रों या दक्षिणा का दान करें। अगर आपने पूरे महीने सावन का व्रत किया है या केवल फलाहार लिया है तो आप भी 25 अगस्त को व्रत का उद्यापन कर सकते हैं। उद्यापन वाले दिन पूजा और हवन के बाद ही खाना ग्रहण करें।

उद्यापन के दिन इन नियमों का पालन करें
- उद्यापन वाले दिन स्नान के बाद सफेद वस्त्र पहनें, इन वस्त्रों में पूजा का विधान होता है।
- पूजा के लिए एक चौकी या वेदी तैयार करें। इसे केले के पत्तों और फूलों से सुंदर तरीके से सजाएं।
- स्वयं या पुरोहित जी द्वारा इस चौकी पर भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती, गणपति, कार्तिकेय,नंदी और चंद्रदेव की प्रतिमा स्थापित करें।
- सभी देवताओं को गंगाजल से स्नान कराएं और उसके बाद चंदन, रोली और अक्षत का टीका लगाएं।
- भगवान को फूल-माला अर्पित करें और पंचामृत का भोग लगाएं।
- शिव मंदिर में शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी,गंगाजल का पंचामृत अर्पित करें। बिल्व पत्र, धतूरा और भांग चढ़ाएं।
- अपनी हर समस्या के समाधान और मन्नत को पूरा करने के लिए काले तिल डालकर शिवलिंग पर 11 लोटे जल अर्पित करें।
- पूजा के बाद एक समय भोजन करना चाहिए।
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