scriptरामनगरी में झूलनोत्सव : झूला धीरे से झुलाओ सुकुमारी सिया है … | Sawan Jhoola mela 2018 Celebrated In Ayodhya | Patrika News

रामनगरी में झूलनोत्सव : झूला धीरे से झुलाओ सुकुमारी सिया है …

locationफैजाबादPublished: Aug 10, 2018 06:36:18 pm

सावन माह में धार्मिक नगरी अयोध्या के करीब 6 हजार मंदिरों में शाम ढले सज रही हैं महफ़िलें युगल सरकार की सेवा में रमे भक्त

Sawan Jhoola mela 2018 Celebrated In Ayodhya

Sawan jhoola mela

अयोध्या : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में सावन के महीने का विशेष महत्व माना जाता है . महीने के 30 दिन तक अयोध्या में उत्सव जैसा माहौल रहता है और रामनगरी के छोटे बड़े मिलाकर करीब 6000 से अधिक मंदिरों में विराजमान युगल सरकार की सेवा में कलाकार कजरी गीत और भजन और भाव नृत्य प्रस्तुत कर अपने आराध्य को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं . यह परंपरा सनातन काल से चली आ रही है . सावन मास शुरू होने के प्रथम दिवस से लेकर अंतिम दिवस तक अयोध्या के मंदिरों में झूला डालकर भगवान की सावन सेवा और पूजा की जाती है .झूले पर विराजमान युगल सरकार की नयनाभिराम छवि श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है . इस वर्ष भी बीते 28 जुलाई से सावन झूला मेले का आगाज हो चुका है .देश पर प्रदेश से आए श्रद्धालु इस मौके पर अयोध्या के मंदिरों में हो रहे इस उत्सव में शामिल होकर स्वयं को कृतार्थ महसूस कर रहे हैं .
सावन माह में धार्मिक नगरी अयोध्या के करीब 6 हजार मंदिरों में शाम ढले सज रही हैं महफ़िलें युगल सरकार की सेवा में रमे भक्त

अयोध्या के प्रसिद्ध रंग महल मंदिर में सावन मास के प्रथम दिवस से झूलन उत्सव का आगाज हो चुका है . जो की अनवरत जारी है और सावन के 30 दिनों तक यह उत्सव चलता रहेगा . इसके अतिरिक्त अयोध्या के सिया पिया कुंज ,सियाराम किला ,लक्ष्मण किला ,झुनकी घाट मंदिर, राम वल्लभा कुञ्ज ,जानकी महल ट्रस्ट ,दिव्य कलाकुंज, विअहुति भवन अयोध्या के वह प्रमुख मंदिर हैं जहां पर युगल सरकार की सेवा पूजा बेहद भव्य रूप से की जा रही है . इसके अतिरिक्त अन्य मंदिरों में भी भगवान को झूले पर विराजमान कर उन्हें झूला झुलाने की परंपरा रही है . इस मौके पर शाम ढले ही मंदिरों में गीत संगीत और नृत्य की महफिल जमा हो जाती है . जिसके अंतर्गत कलाकारों द्वारा कजरी गीत का गायन और नृत्य की प्रस्तुति समा बांध देती है . इन दिनों शाम ढले ही राम नगरी अयोध्या का वातावरण बेहद मनोरम हो जाता है और धार्मिक नगरी में आस्था आध्यात्मिक के साथ संगीत की त्रिवेणी का अविरल प्रवाह जारी है .
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