सोचा था मुश्किल होगी विधि
वैज्ञानिकों ने बताया कि हम लंबे समय से एक शोध कर रहे थे। उत्प्रेरक (कैटलिस्ट) में कुछ हरकत पैदा हुई। अचानक से इथेनॉल बनता दिखा। वैज्ञानिकों का कहना है कि शोध के दौरान कभी भी नहीं सोचा था कि सीओ-2 से इथेनॉल बनाना इतना आसान होगा। हमें लगा था कि यह मुश्किल विधि हो सकती है। कैमिकल रिएक्शन के कई चरणों से गुजरना पड़ सकता है मगर जब अचानक से इथेनॉल बनता दिखा तो हैरानी हुई।
ब्राजील में 25फीसदी ईंधन इथेनॉल होता है
ओक रिज लेबोरेट्री के वैज्ञानिकों के अनुसार, सीओ-2 में कार्बन व तांबे के अत्यंत छोटे कण मिलाने पर एक खास किस्म का इथेनॉल बन सकता है। एल्कोहल व सफाई करने वाले सेनिस्टर में जो तत्व होते हैं यह कुछ-कुछ इसी तरह बनता है। बता दें कि ब्राजील में जो ईंधन इस्तेमाल किया जाता है उसमें 25 फीसदी इथेनॉल होता है।
पहले भी दावा किया जा चुका
अमरीकी वैज्ञानिकों ने पहले भी ऐसा सोलर सेल बनाने का दावा किया था जो कार्बन डाइऑक्साइड को हाइड्रोकार्बन ईंधन में परिवर्तित करने में सक्षम है। इलिनॉय यूनिवर्सिटी, शिकागो के शोधकर्ता आमीन सालेही खोजिन के अनुसार, सूर्य की रोशनी का इस्तेमाल करते हुए वातावरण में मौजूद कार्बन को रिसाइकल कर उसे ईंधन में परिवर्तित किया जाएगा।
पौधे जहां शुगर के तौर पर ईंधन पैदा करते हैं, वहीं कृत्रिम पत्तियां सिनगैस (सिंथेसिस गैस) का उत्पादन करेंगी। हाइड्रोजन और कार्बन मोनोक्साइड के मिश्रण को सिनगैस कहते हैं। इसका सीधे या फिर डीजल या अन्य हाइड्रोकार्बन ईंधन के तौर पर इस्तेमाल संभव है। शोधकर्ताओं ने बताया कि कार्बन डाइऑक्साइड को ईंधन बनाने में एक गैलन गैसोलीन के उत्पादन के बराबर खर्चा आएगा।